GST सुधारों का अवलोकन
3 सितंबर, 2025 को आयोजित हुई GST परिषद की 56वीं बैठक में भारत की कर प्रणाली को सरल और बेहतर बनाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कर सुधारों की शुरुआत की गई। ये बदलाव विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य एक सरल, निष्पक्ष और विकासोन्मुखी कर प्रणाली सुनिश्चित करना है।
GST संरचना में प्रमुख परिवर्तन
- दो मुख्य GST दरों को लागू करना:
- मानक दर के रूप में 18%
- योग्यता दर के रूप में 5%
- विशिष्ट वस्तुओं के लिए चयनात्मक 40% डि-मेरिट दर
- यह कदम अनुपालन बोझ को कम करता है, व्यापार की पूर्वानुमानशीलता को बढ़ाता है, तथा वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखण का संकेत देता है।
उपभोक्ताओं और परिवारों पर प्रभाव
- साबुन और रसोई के बर्तन जैसी सामान्य घरेलू वस्तुओं पर अब 5% कर लगाया गया है।
- अल्ट्रा-हाई टेम्प्रेचर दूध और पनीर जैसी आवश्यक वस्तुओं को GST से छूट दी गई है।
- जीवन और स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर GST से छूट दी गई है, जिससे बीमा अधिक किफायती हो गया है।
किसानों और श्रम-प्रधान क्षेत्रकों के लिए लाभ
- ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर अब केवल 5% GST लगेगा।
- उर्वरक और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे इनपुट पर GST की दर 18% से घटकर 5% हो गई है।
- हस्तशिल्प और चमड़े के सामान जैसे क्षेत्रों के लिए GST दरों में कमी से मांग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
ड्यूटी संरचना विसंगतियों का समाधान करना
- मानव निर्मित फाइबर और धागे पर GST घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे कपड़ा उद्योग को लाभ होगा।
- सीमेंट पर GST दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है।
संस्थागत और प्रक्रियात्मक सुधार
- विवादों के त्वरित समाधान के लिए वर्ष के अंत तक वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का संचालन शुरू किया जाएगा।
- अनंतिम धनवापसी और जोखिम-आधारित अनुपालन जांच जैसे प्रक्रियात्मक सुधार।
रणनीतिक कार्यान्वयन
- 22 सितम्बर, 2025 से चरणबद्ध तरीके से ये सुधार लागू किये जायेंगे, जिससे राजस्व स्थिरता सुनिश्चित होगी तथा उद्योग एवं उपभोक्ताओं को तत्काल लाभ मिलेगा।
- इन परिवर्तनों को उनके व्यापक प्रभाव के कारण 'जन सुधार' कहा जा रहा है।
भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इन सुधारों को भारत की विकास यात्रा के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि CII इनके प्रभावी कार्यान्वयन में सहयोग देने के लिए तैयार है।