GST व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन
वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में हाल ही में हुए सुधारों, जिन्हें GST परिषद द्वारा 3 सितंबर, 2025 को मंज़ूरी दी गई है, ने अर्थव्यवस्था और जनभावना पर गहरा प्रभाव डाला है। इन बदलावों से कर कटौती के ज़रिए आशावाद और माँग में वृद्धि की उम्मीद है।
GST सुधारों की मुख्य विशेषताएं
- संघीय निकाय GST परिषद ने इन सुधारों को शीघ्रता से मंजूरी दे दी, जिन्हें केंद्र द्वारा आगे बढ़ाया गया था।
- विलंबित कार्यान्वयन की आलोचनाओं के बावजूद, किसी भी राज्य ने पहले ऐसी दर कटौती का सुझाव नहीं दिया था।
- प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इन सुधारों की घोषणा संबंधित बैठकों से पहले की गई थी, लेकिन इसपर आम सहमति शीघ्र ही प्राप्त कर ली गई।
- इन सुधारों में लगभग हर क्षेत्र में कटौती की बात कही गई है, जिसमें उच्च-क्षमता वाली मोटरसाइकिल और उच्च-मूल्य वाले परिधान जैसे कुछ अपवाद शामिल हैं।
GST दर में कटौती के निहितार्थ
- ये दर कटौती 2025 के बजट में आयकर कटौती के पूरक हैं, जिससे संभावित रूप से उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।
- सरकार का अनुमान है कि इससे प्रतिवर्ष लगभग 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभाव पड़ेगा, हालांकि यह अनुमान कम हो सकता है।
मुआवजा उपकर का उन्मूलन
- GST परिषद ने विपक्षी शासित राज्यों की मांग के बावजूद क्षतिपूर्ति उपकर लागू न करने का निर्णय लिया।
- राज्यों को अब वैकल्पिक राजस्व स्रोतों का पता लगाने और सहायता के लिए 16वें वित्त आयोग पर निर्भर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
GST 2.0 और भविष्य के कदम
- यद्यपि GST 2.0 में अभी भी कुछ विसंगतियां और जटिलताएं हैं, लेकिन शुल्क व्युत्क्रमण को समाप्त करना तथा कागजी कार्रवाई में कमी लाना महत्वपूर्ण सुधार है।
- सरकार को सलाह दी जाती है कि वह राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण को अस्थायी रूप से पुनर्जीवित करे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि GST दरों में ये कटौती 22 सितंबर से प्रभावी रूप से लागू हो।