भारत में शिशु मृत्यु दर (IMR)
IMR बाल स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं की मृत्यु की संख्या को दर्शाता है।
समग्र प्रगति
- शिशु मृत्यु दर में कमी: भारत में शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, जो 2013 में प्रति 1,000 जन्मों पर 40 मृत्यु से 37% से अधिक घटकर 2023 में 25 हो गई है।
- वैश्विक और एशियाई औसत के साथ तुलना:
- वर्ष 2021 के आसपास भारत की शिशु मृत्यु दर विश्व औसत से नीचे आ गई।
- तीव्र प्रगति के बावजूद, भारत की शिशु मृत्यु दर (25) अभी भी एशियाई औसत 17.4 से ऊपर है।
राज्यवार प्रदर्शन
- महत्वपूर्ण सुधार:
- दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक ने 2011-13 की अवधि के औसत IMR से 2021-23 की अवधि तक 50% से अधिक की कमी हासिल की।
- जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश में भारी गिरावट देखी गई है, लेकिन प्रशासनिक बदलावों के कारण तुलना करना जटिल हो गया है।
- शीर्ष प्रदर्शक:
- केरल में प्रमुख राज्यों में शिशु मृत्यु दर सबसे कम है, जो विकसित देशों के समान 5 प्रति 1000 है।
- मणिपुर, सिक्किम और गोवा जैसे छोटे राज्यों के साथ-साथ लगभग सभी केंद्र शासित प्रदेशों में शिशु मृत्यु दर एकल अंक में है।
- उच्च शिशु मृत्यु दर वाले राज्य:
- छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में शिशु मृत्यु दर सबसे अधिक 37 है।
- ओडिशा और असम में शिशु मृत्यु दर 30-30 है।
लैंगिक विसंगति
- केरल का लैंगिक अंतराल: केरल में पुरुष और महिला शिशु मृत्यु दर के बीच महत्वपूर्ण असमानता है, जहां लड़कों की शिशु मृत्यु दर 9 और लड़कियों की 2 है।