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अधिक रकबे के बावजूद देर से बारिश के कारण खरीफ फसल की पैदावार पर खतरा | Current Affairs | Vision IAS

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अधिक रकबे के बावजूद देर से बारिश के कारण खरीफ फसल की पैदावार पर खतरा

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खरीफ फसलों पर मानसून का प्रभाव 

5 सितम्बर को समाप्त सप्ताह तक खरीफ फसलों का क्षेत्रफल सामान्य से अधिक हो गया है। हालांकि, विशेष रूप से भारत के उत्तरी, पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में मानसून की बारिश में देरी से होने वाली वृद्धि फसल की पैदावार को प्रभावित कर सकती है।

सामान्य रकबे की परिभाषा 

सामान्य क्षेत्रफल से तात्पर्य पिछले पांच वर्षों में बोए गए औसत रकबे से है।

बाढ़ और फसल की क्षति

  • बार्कलेज इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री आस्था गुडवानी ने एक रिपोर्ट में बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में बाढ़ आ गई है। 
  • इस बाढ़ से क्षेत्र में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है तथा आजीविका प्रभावित हुई है।

विशिष्ट फसलों के लिए जोखिम

  • विशेषकर चावल और दालों के लिए खरीफ मौसम की बुवाई पूरी होने के बावजूद, उत्तर-पश्चिम और मध्य क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा से खतरा पैदा हो गया है। 
  • जलाशयों का स्तर कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे कृषि परिदृश्य पर और अधिक प्रभाव पड़ सकता है।

मानसून संबंधी आँकड़े 

  • 2 जून से 8 सितम्बर तक पूरे भारत में मानसून दीर्घावधि औसत से 9% अधिक रहा है। 
  • कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में काफी अधिक वर्षा हुई है:
    1. पंजाब: सामान्य से 55% अधिक 
    2. हरियाणा: 48% अधिक बारिश 
    3. दिल्ली: 51% अधिक बारिश 
    4. हिमाचल प्रदेश: 48% अधिक बारिश  
  • Tags :
  • Kharif crops
  • Monsoon and Agriculture
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