GST 2.0 का परिचय
अपनी शुरुआत के आठ साल बाद, भारत की वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुज़र रही है, जिसे GST 2.0 कहा जा रहा है। यह सुधार तत्काल राजस्व सृजन के बजाय दीर्घकालिक संरचनात्मक परिवर्तनों पर केंद्रित है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की कर प्रणाली की जटिलता को कम करना है, जो आज़ादी के बाद से एक सतत समस्या रही है।
GST 2.0 की मुख्य विशेषताएं
दर युक्तिकरण
- मौजूदा चार-स्लैब संरचना (5%, 12%, 18%, 28%) को दो मुख्य स्लैबों में सरलीकृत किया जाएगा: 5% और 18%
- 0.25% और 3% की विशेष दरें जारी रहेंगी तथा चुनिंदा विलासिता और हानिकारक वस्तुओं के लिए 40% की नई दर लागू होगी।
- 506 वस्तुओं में से 90% की दरों में कटौती की गई है तथा केवल 52 वस्तुओं की दरों में वृद्धि की गई है।
- आवश्यक वस्तुओं को अधिक किफायती बनाने के लिए 52 वस्तुओं को पूर्ण कर छूट दी गई है।
राजस्व पर प्रभाव
GST संग्रह में अल्पकालिक गिरावट की आशंका है, जिसके 20.2 लाख करोड़ रुपये से घटकर 19.7 लाख करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है। प्रभावी दर 11.64% से मामूली रूप से घटकर 11.43% होने का अनुमान है।
आर्थिक तर्क और लाफ़र वक्र
- ये सुधार "लाफर वक्र" के आर्थिक सिद्धांत का अनुसरण करते हैं, जो बताता है कि कम दरें अनुपालन और आर्थिक गतिविधि में वृद्धि के माध्यम से उच्च संग्रह को जन्म दे सकती हैं।
- इन सुधारों की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि व्यवसाय कर परिवर्तनों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं या नहीं तथा मूल्य परिवर्तनों के प्रति उपभोक्ता मांग की लोच कितनी है।
कर अंतराल का समाधान करना
GST 2.0 का उद्देश्य भारत के निरंतर बने हुए कर अंतराल को कम करना है, जिससे देश का कर प्रयास लगभग 70% पर बना रहेगा। अनुपालन बोझ को कम करके, यह सुधार औपचारिक अर्थव्यवस्था में स्वैच्छिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है।
संस्थागत सुधार
माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT)
- GSTAT के संचालन से व्यवसायों को अपील के लिए एक मंच मिलेगा, जिससे प्रक्रियागत अनिश्चितता समाप्त हो जाएगी।
निर्यातकों और लघु व्यवसायों के लिए समर्थन
- कम मूल्य के निर्यात माल पर सीमा हटाने से छोटे निर्यातकों को लाभ होगा।
- भारतीय मध्यस्थ अब निर्यात लाभ का दावा कर सकते हैं, जिससे व्यापार प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- 2.5 लाख रुपये से कम मासिक कर देयता वाले कम जोखिम वाले व्यवसायों के लिए स्वैच्छिक सरलीकृत पंजीकरण योजना छोटे उद्यमों पर अनुपालन बोझ को कम करती है।
रणनीतिक लाभ
- युवा जनसांख्यिकी द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं पर उच्च कर दरों का उद्देश्य भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करना है।
- तम्बाकू और वातित पेय पर लगाए गए सिन टैक्स लोक स्वास्थ्य उद्देश्यों को पूरा करते हैं, जबकि अलोचदार मांग वाले उत्पादों को लाभ पहुंचाते हैं।
कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियाँ
सफल कार्यान्वयन के लिए संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में सावधानीपूर्वक समन्वय की आवश्यकता होती है। मलेशिया जैसे अन्य देशों के पिछले अनुभव बताते हैं कि छोटी-छोटी गड़बड़ियाँ भी बड़ी रुकावटें पैदा कर सकती हैं। महत्वपूर्ण कारक इस प्रकार हैं:
- कर अधिकारियों के लिए सशक्त प्रशिक्षण।
- व्यवसायों के लिए स्पष्ट संचार।
- तकनीकी समस्याओं का त्वरित समाधान।
निष्कर्ष
GST 2.0 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीर्घकालिक राजस्व वृद्धि पर केंद्रित सरलीकृत कर ढाँचे के दृष्टिकोण के अनुरूप है। GST 2.0 की सफलता स्वैच्छिक अनुपालन में वृद्धि पर निर्भर करती है। यह अंतरराष्ट्रीय अनुभवों पर आधारित है, जहाँ सरलीकृत कर प्रणालियों के कारण शुरुआत में राजस्व में गिरावट आई, लेकिन बाद में निरंतर वृद्धि हुई।