भारत रैंकिंग (IR) 2025 अवलोकन
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) पर आधारित इंडिया रैंकिंग (IR) 2025 ने अकादमिक उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध पुराने सार्वजनिक संस्थानों के प्रभुत्व को उजागर किया है। 2016 से, इसमें भागीदारी 3,565 से बढ़कर 14,163 संस्थानों तक पहुँच गई है, और श्रेणियाँ 4 से बढ़कर 17 हो गई हैं।
मूल्यांकन पैरामीटर
- शिक्षण, सीखना और संसाधन : 30%
- अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास : 30%
- स्नातक परिणाम : 20%
- आउटरीच और समावेशिता (ओआई) : 10%
- सहकर्मी धारणा : 10%
आलोचनाएँ और चिंताएँ
- सहकर्मी धारणा : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा इसकी आलोचना की गई कि यह व्यक्तिपरक है और वास्तविक योग्यता के बजाय प्रतिष्ठा पर आधारित है।
- आउटरीच और समावेशिता (OI) : NIRF पुस्तिका क्षेत्रीय और लैंगिक विविधता पर केंद्रित है, लेकिन आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित और विकलांग छात्रों की उपेक्षा करती है, जबकि उनका महत्व काफी अधिक है।
सुधार के लिए सिफारिशें
- फैकल्टी भर्ती में सांप्रदायिक आरक्षण नीतियों के अनुपालन को शामिल करने के लिए OI पैरामीटर का विस्तार करना।
- शीर्ष संस्थानों में फैकल्टी की कमी और प्रबंधन स्कूलों में शोध प्रकाशनों की कमी जैसी असमानताओं को दूर करना।
- गलत आंकड़े प्रस्तुत करने वाली संस्थाओं के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करना।
संक्षेप में, NIRF रैंकिंग को परिष्कृत करने की आवश्यकता है ताकि यह निजी संस्थानों के लिए महज ब्रांडिंग का काम न रह जाए तथा उच्च शिक्षा में समग्र गुणवत्ता और समानता को बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए।