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भारत के खरीद सुधारों के साथ नवाचार को बढ़ावा | Current Affairs | Vision IAS

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भारत के खरीद सुधारों के साथ नवाचार को बढ़ावा

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खरीद प्रक्रियाओं का विकास 

खरीद प्रक्रियाएं प्राचीन रिकॉर्ड रखने की प्रथाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा संचालित उन्नत रणनीतियों में परिवर्तित हो गई हैं, जो खरीद में नियंत्रण से रचनात्मकता की ओर ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है। 

पारंपरिक खरीद नीतियों की चुनौतियाँ 

  • पारंपरिक खरीद नीतियां अक्सर नवाचार की कीमत पर पारदर्शिता और लागत दक्षता को प्राथमिकता देती हैं।
  • इन नीतियों के परिणामस्वरूप प्रक्रियागत अनुपालन, विशेष रूप से अनुसंधान और विकास (R&D) में, वैज्ञानिक आवश्यकताओं पर हावी हो गया है। 
  • भारत का सुधार-पूर्व खरीद ढांचा अनिवार्य सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) खरीद जैसे कठोर नियमों के कारण नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा था। 

भारत की खरीद नीतियों में हालिया सुधार 

भारत ने पुरानी खरीद प्रणालियों की समस्याओं के समाधान के लिए अपने सामान्य वित्तीय नियमों (GFR) में सुधार लागू किए।

  • GeM पोर्टल से छूट तथा अनुसंधान एवं विकास खरीद के लिए वित्तीय सीमा में वृद्धि की गई। 
  • संस्थागत प्रमुख अब विशेष उपकरणों के लिए GeM को दरकिनार कर सकते हैं तथा प्रत्यक्ष खरीद सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी गई है। 
  • 200 करोड़ रुपये तक की वैश्विक निविदाओं के अनुमोदन का अधिकार कुलपतियों और निदेशकों को दिया गया है, जिससे नौकरशाही संबंधी देरी कम हो गई है।

खरीद में सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाएँ

  • अनुसंधान एवं विकास में अग्रणी राष्ट्रों ने खरीद को महज लागत नियंत्रण तंत्र के बजाय नवाचार के उत्प्रेरक के रूप में देखा है।
  • जर्मनी की संघीय खरीद अपनी उच्च तकनीक रणनीति के माध्यम से नवीन समाधानों पर जोर देती है तथा इसके लिए KOINNO जैसी एजेंसियों को नियुक्त करती है। 
  • अमेरिकी लघु व्यवसाय नवाचार अनुसंधान (SBIR) कार्यक्रम चरणबद्ध खरीद अनुबंधों के साथ प्रारंभिक चरण की प्रौद्योगिकियों का समर्थन करता है। 

वैश्विक मॉडलों से सबक

  • जर्मनी का दृष्टिकोण तकनीकी बाजारों को आकार देने के लिए "मिशन-उन्मुख खरीद" को संस्थागत बनाता है।
  • भारत के GeM सुधार आंशिक रूप से इस दर्शन के अनुरूप हैं, लेकिन उनमें जर्मनी के बाजार को आकार देने वाले तत्वों या SBIR के संरचित वित्तपोषण का अभाव है। 
  • दक्षिण कोरिया की "व्यावसायिक-पूर्व खरीद" महत्वाकांक्षी मानदंडों को पूरा करने वाले प्रोटोटाइप के लिए प्रीमियम मूल्य का भुगतान करती है। 

राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में निजीकरण की संभावना

  • खरीद दक्षता बढ़ाने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के निजीकरण पर बहस चल रही है।
  • अमेरिकी मॉडल से पता चलता है कि यदि निजीकरण को प्रदर्शन-आधारित अनुबंधों के साथ प्रबंधित किया जाए तो इससे नवाचार में वृद्धि हो सकती है। 
  • भारत का CSIR एक हाइब्रिड मॉडल अपना सकता है, जो कॉर्पोरेट चपलता और सरकारी निगरानी के बीच संतुलन स्थापित करेगा।

आगामी खरीद सुधारों के लिए सिफारिशें

  • परिणाम-भारित निविदाओं को लागू करना, लागत और गुणात्मक कारकों जैसे अनुसंधान एवं विकास निवेश के आधार पर बोलियों का मूल्यांकन करना। 
  • नवाचार-केंद्रित संस्थानों को GFR से कुछ छूट प्रदान करना, जिसका मूल्यांकन तीसरे पक्ष के ऑडिट द्वारा किया जाए। 
  • खरीद निर्णयों को सुव्यवस्थित करने और निर्णय चक्रों को कम करने के लिए AI-संवर्धित सोर्सिंग को तैनात करना। 
  • उच्च लागत वाली वस्तुओं की मांग को एकत्रित करने के लिए सह-खरीद गठबंधन बनाना, जिससे पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं प्राप्त हों।

निष्कर्ष

भारत के हालिया खरीद सुधार एक ऐसी नवोन्मेषी खरीद प्रणाली की दिशा में एक आवश्यक कदम हैं, जो लागत, समय और तकनीकी महत्वाकांक्षा में संतुलन बनाए रखे। वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर, देश खरीद को एक बाधा से अनुसंधान और विकास के लिए एक त्वरक में बदल सकता है। 

  • Tags :
  • Government e-Marketplace (GeM)
  • Procurement Processes
  • General Financial Rules (GFR)
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