पर्यावरणीय, सामाजिक और अभिशासन (ESG) किसी कंपनी के पर्यावरणीय एवं सामाजिक प्रभाव को मापने के लिए मानकों का एक समूह है।
पर्यावरणीय, सामाजिक और अभिशासन (ESG) पर महत्वपूर्ण टिप्पणियां
- कानूनी समर्थन: कंपनी अधिनियम, 2013 में ESG का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। हालांकि, इसे ऊर्जा संरक्षण, POSH अधिनियम, मातृत्व हितलाभ, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फ्रेमवर्क जैसे पहलुओं के माध्यम से स्वीकार किया गया है।
- मौजूदा जोखिम: इसमें ग्रीनवॉशिंग, विविध क्षेत्रकों में कार्यान्वयन संबंधी असमानता, तथा मजबूत ESG पद्धतियों को अपनाने में लघु व्यवसायों के सामने आने वाली कठिनाइयां शामिल हैं।
मुख्य सिफारिशें
- ESG हेतु समर्पित निरीक्षण निकाय: इसे कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन स्थापित किया जाना चाहिए। इसके कार्य ESG प्रकटीकरण की निगरानी व अनुपालन सुनिश्चित करना और ग्रीनवॉशिंग के लिए दंड लगाना होने चाहिए।
- कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन: ESG को मुख्य वाणिज्यिक रणनीतियों में एकीकृत करने के लिए एक स्पष्ट कानूनी आधार प्रदान किया जाना चाहिए।
- क्षेत्रक-विशिष्ट दिशा-निर्देश तैयार करना: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को लक्षित सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
- स्वतंत्र ESG समितियां: जैसे ऑडिट समितियां होती हैं, वैसी ही ESG रणनीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी के लिए स्वतंत्र समितियां बनाई जानी चाहिए।
- दस्तावेज़ीकरण: वित्त वर्ष 2025-26 से आगे मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में एक ESG अध्याय को शामिल किया जाना चाहिए।
इस संबंध में शुरू की गई अन्य पहलें
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