भारत में AI विनियमन और विकास
AI के लिए नियामक दृष्टिकोण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने AI की प्रगति की गति के अनुरूप नियमन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह सर्वहितकारी हो। उन्होंने एक "उदार" नियामक तंत्र की वकालत की जो नवाचार को बाधित किए बिना ज़िम्मेदारीपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करे।
- AI को बेहतर शहरी क्षेत्रों के निर्माण में सहायता करनी चाहिए।
- विनियमन को प्रौद्योगिकी की गति के समान शीघ्रता से अनुकूलित किया जाना चाहिए।
- AI के लाभों का उपयोग मानवता की भलाई के लिए किया जाना चाहिए।
AI में कार्यबल कौशल
- उन्होंने ने नौकरी खोने के खतरों के बीच AI-संचालित अपस्किलिंग कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया।
- साथ ही, उन्होंने उद्योग की आवश्यकताओं और AI-तैयार मानव संसाधनों के बीच बेमेल पर जोर दिया।
- सरकार की पहलें प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण को उन्नत करने पर केंद्रित है।
AI के उपयोग और आकांक्षाएँ
AI का उपयोग स्वास्थ्य, कृषि और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में व्यापक है। सीतारमण ने AI की यथास्थान समाधान प्रदान करने की क्षमता पर प्रकाश डाला।
- भारत का लक्ष्य AI के क्षेत्र में दूसरों के साथ कदमताल मिलाने के अलावा वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनना है।
नवाचार और विनियमन
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने AI के प्रति भारत के नवाचार-प्रथम दृष्टिकोण पर जोर दिया तथा यह सुनिश्चित किया कि विनियमन नवाचार में बाधा डालने के बजाय उसका समर्थन करे।
नीति आयोग का AI रोडमैप
"AI फॉर विकसित भारत रोडमैप रिपोर्ट" से पता चलता है कि भारत का मजबूत STEM कार्यबल और बढ़ती तकनीकी क्षमताएं इसे वैश्विक AI मूल्य का 10-15% हासिल करने की स्थिति में रखती हैं।
- AI अपनाने से अनुमानित GDP वृद्धि 2035 तक 8.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।
- AI सकल घरेलू उत्पाद में 500-600 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त योगदान कर सकता है।
नीति आयोग की पहलें
प्रभावशाली प्रौद्योगिकियों को अपनाने में आकांक्षी जिलों को सहायता प्रदान करने के लिए फ्रंटियर टेक रिपोजिटरी और फ्रंटियर 50 पहल की शुरुआत की गई।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापक स्तर पर AI को अपनाना और कौशल प्रदान करना है।