प्रकल्पित कराधान: धारा 44AD बनाम धारा 44ADA
आयकर अधिनियम में धारा 44AD और धारा 44ADA शामिल हैं, जो विभिन्न करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बनाने हेतु अनुमानित कराधान से संबंधित हैं। नामों और उद्देश्यों में समानता के बावजूद, ये अलग-अलग समूहों के लिए हैं।
धारा 44AD
- लक्ष्य समूह: छोटे व्यवसाय जैसे- दुकानदार, व्यापारी और छोटे ठेकेदार।
- पात्रता: व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs) और साझेदारी फर्म (LLPs को छोड़कर)।
- स्थितियाँ:
- एक वित्तीय वर्ष में व्यवसाय का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
- लाभ घोषणा: कारोबार का 8% लाभ के रूप में अथवा यदि बिक्री डिजिटल लेनदेन के माध्यम से हो तो 6%।
- लाभ: विस्तृत खाते रखने या ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं।
धारा 44ADA
- लक्ष्य समूह: डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, इंजीनियर और एकाउंटेंट सहित विशिष्ट पेशेवर।
- पात्रता: एक वित्तीय वर्ष में सकल प्राप्तियां 75 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- स्थितियाँ:
- सकल प्राप्तियों का 50% लाभ माना जाता है; शेष 50% व्यय माना जाता है।
- नोट: व्यय के लिए अलग से कटौती का दावा नहीं किया जा सकता।
सामान्य भ्रम और मुद्दे
- धारा के प्रयोग में गलतियाँ: कुछ पेशेवर गलत तरीके से धारा 44AD का चयन करते हैं, जिसका उद्देश्य कम लाभ की घोषणा करना होता है, जो स्वीकार्य नहीं है।
- परिणाम: गलत फाइलिंग के कारण कर नोटिस, अधिक देयता या ऑडिट हो सकता है।
- परिभाषाओं में अस्पष्टता: धारा 44ADA के अंतर्गत “तकनीकी परामर्श” शब्द को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है, जिससे इसके दायरे को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
अतिरिक्त मुद्दो पर विचार करना
- गैर-निर्दिष्ट पेशेवर: जो लोग किसी भी धारा के अंतर्गत कवर नहीं होते हैं, उन्हें पारंपरिक रूप से कर की गणना (इनकम माइनस एक्सपेंस) करनी होगी।
- रिपोर्टिंग आवश्यकताएँ: देनदारों, लेनदारों, इन्वेंट्री और नकदी के वर्ष के अंत के शेष की रिपोर्ट अभी भी की जानी चाहिए।
- बैंक स्टेटमेंट: यद्यपि बैंक स्टेटमेंट खाता बही का हिस्सा नहीं है, फिर भी आय सत्यापन के लिए इसकी समीक्षा की जा सकती है।
एडवांटएज कंसल्टेंसी के संस्थापक चेतन डागा, कर अधिकारियों के साथ समस्याओं से बचने के लिए इन प्रावधानों का सही ढंग से पालन करने के महत्व पर जोर देते हैं।