वित्त मंत्री का राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) को आह्वान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) से फंड जुटाने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने और वित्तपोषण के विविध स्रोतों की तलाश करने की आवश्यकता पर बल दिया।
गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और इसमें अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने में NIIF की रणनीतिक भूमिका तथा प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- गवर्निंग काउंसिल (GC) ने सुझाव दिया कि NIIF के उद्देश्यों का नियमित मूल्यांकन और मार्गदर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष बैठक आयोजित की जानी चाहिए।
NIIF का अवलोकन
- NIIF भारत सरकार द्वारा समर्थित एक निवेश प्लेटफार्म है, जो अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेशकों के लिए तैयार किया गया है।
- फिलहाल, NIIF लगभग 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करता है।
- इसकी स्थापना दिसंबर 2015 में विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों और विविध क्षेत्रों में फंड का प्रबंधन करने के लिए की गई थी, जिसमें अवसंरचना पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है।
फंड प्रबंधन और उद्देश्य
NIIF चार प्रमुख फंडों का प्रबंधन करता है:
- मास्टर फंड
- प्राइवेट मार्केट्स फंड
- स्ट्रैटेजिक ऑपर्च्युनिटीज़ फंड
- इंडिया-जापान फंड
इनमें से प्रत्येक फंड भारत की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से विशेष रूप से तैयार किया गया है।
प्रगति और भविष्य की योजनाएँ
- गवर्निंग काउंसिल (GC) ने NIIF के रणनीतिक दृष्टिकोण, प्रगति, निवेश की स्थिति, क्षेत्रीय फोकस और प्रदर्शन की समीक्षा की।
- NIIF के आगामी प्राइवेट मार्केट्स फंड II की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसका लक्ष्य 1 बिलियन डॉलर का फंड एकत्रित करना है।
- प्राइवेट मार्केट्स फंड II में पहले ही निजी निवेशक शामिल हो चुके हैं, जो NIIF के विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।