भारत की जनसंख्या और प्रजनन प्रवृत्तियाँ
भारत सबसे अधिक आबादी वाला देश बना हुआ है। ऐसा अनुमान है कि 2025 तक इसकी जनसंख्या 1.46 बिलियन हो जाएगी। इसके बावजूद, प्रजनन दर में बड़े परिवर्तन देखे गए हैं, जिससे जनसांख्यिकीय रुझान प्रभावित हुए हैं।
मुख्य निष्कर्ष
- कुल प्रजनन दर (TFR) में गिरावट:
- संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की रिपोर्ट के अनुसार कुल प्रजनन दर घटकर 1.9 हो गई है।
- 2021 नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) के अनुसार, देश की TFR वर्तमान में प्रति महिला 2.0 बच्चे है।
- यह 2014 के 2.3 से कम है।
- प्रतिस्थापन स्तर:
- कुल प्रजनन दर (TFR) 2.1 के प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है। इसका अर्थ है कि महिलाएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक बिना प्रवास के जनसंख्या आकार को बनाए रखने के लिए आवश्यक से कम बच्चे पैदा कर रही हैं।
- जनसांख्यिकीय परिवर्तन और दोगुना होने का समय:
- भारत को मध्यम आय वाले देश के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो तेजी से जनसांख्यिकीय परिवर्तन का अनुभव कर रहा है।
- जनसंख्या दोगुनी होने का समय 79 वर्ष अनुमानित है।