आवश्यक निदान की राष्ट्रीय सूची
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने उप-केंद्रों से लेकर सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों तक, विभिन्न स्तरों की स्वास्थ्य सुविधाओं में नैदानिक परीक्षण को अधिक सुलभ बनाने के लिए आवश्यक निदान की अपनी राष्ट्रीय सूची को अद्यतन किया है।
मुख्य अपडेट
- यह सूची पहली बार 2019 में बनाई गई थी और अब इसे संशोधित कर निचले स्वास्थ्य केंद्रों पर त्वरित निदान और जैव रासायनिक परीक्षणों को भी इसमें शामिल किया गया है।
- सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, हेपेटाइटिस बी और सिफलिस जैसी बीमारियों के लिए नए परीक्षण जोड़े गए हैं, विशेष रूप से उप-केंद्र स्तर पर।
- सूची में सिफारिश की गई है कि डेंगू के परीक्षण के लिए नमूने उप-केंद्र स्तर पर भी एकत्र किए जाने चाहिए, क्योंकि इसकी पहुंच विस्तृत है।
- अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सेमी-ऑटो एनालाइजर की मदद से ग्लूकोज स्तर, लिवर एंजाइम और कोलेस्ट्रॉल के लिए रक्त परीक्षण संभव है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य निहितार्थ
अद्यतन सूची का उद्देश्य विभिन्न रोगों के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करना तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाना है।
- यह स्क्रीनिंग और जागरूकता के माध्यम से 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने की सरकार की पहल का समर्थन करता है।
- राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य हेपेटाइटिस संक्रमण के मामलों और इससे होने वाली मौतों को कम करना है।
- उप-केन्द्र स्तर से आणविक टीबी परीक्षण के लिए नमूना संग्रहण तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर आंतरिक परीक्षण करने की सिफारिश की गई।
आर्थिक और संरचनात्मक प्रभाव
संशोधित सूची का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्च को कम करना तथा स्वास्थ्य सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करना है।
- निःशुल्क निदान सेवा पहल के अंतर्गत कार्यान्वित, परीक्षण बिना किसी लागत के व्यापक रूप से उपलब्ध।
- स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए उप-जिला अस्पतालों को जिला अस्पतालों और अंततः मेडिकल कॉलेजों में अपग्रेड किया जा रहा है।