ब्लू-ग्रे कॉलर कार्यबल में महिलाओं की स्थिति 2025
उदयती फाउंडेशन और क्वेस कॉर्प द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में खुदरा, विनिर्माण, BFSI और सेवा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत लगभग 10,000 वर्तमान और 1,500 पूर्व महिला श्रमिकों का सर्वेक्षण किया गया है।
वर्तमान कार्यबल रुझान
- एक वर्ष से कम अनुभव वाली आधी से अधिक महिला कर्मचारी एक वर्ष के भीतर इस्तीफा देने का इरादा रखती हैं।
- दो वर्ष से अधिक समय से कार्यरत लोगों के लिए नौकरी छोडऩे की दर 3% तक गिर जाती है।
सामने आने वाली चुनौतियाँ
- संरचनात्मक मुद्दे: कम वेतन, गतिशीलता संबंधी समस्याएं, सुरक्षा संबंधी चिंताएं और सीमित विकास के अवसर महिलाओं को समय से पहले ही कार्यबल से बाहर कर देते हैं।
- वेतन असंतोष: 54% महिलाएं अपनी आय से नाखुश हैं।
- कम बचत: 80% लोग मासिक ₹2,000 से कम की बचत करते हैं।
- परिवहन संबंधी समस्याएं: 57% लोगों को आवागमन में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, विशेषकर रात में 11% लोग असुरक्षित महसूस करते हैं।
- कार्यस्थल सुरक्षा: 22% लोग कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस करते हैं; CCTV जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव वाले क्षेत्रों में यह आंकड़ा बढ़कर 33% हो जाता है।
- कैरियर विकास का अभाव: 21% लोग नौकरी छोड़ने का कारण अस्पष्ट प्रोन्नति पथ बताते हैं।
प्रणालीगत निवारकों का प्रभाव
- नौकरी छोड़ने वाली 67% महिलाएं प्रणालीगत समस्याओं के कारण काम से बाहर रहती हैं।
- केवल 11% ही कौशल-आधारित प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, जो आकांक्षाओं और अवसरों के बीच असंतुलन को दर्शाता है।
अवधारणात्मक रणनीतियाँ
- वेतन में वृद्धि: 20,000 रुपये से अधिक कमाने वाली महिलाओं के स्कूल छोड़ने की संभावना 21% कम रही होती है।
- सुरक्षित आवागमन: परिवहन विकल्पों में सुधार से महिलाओं को रुकने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।
- उन्नत बुनियादी ढांचा: बेहतर कार्यस्थल सुविधाएं सुरक्षा और विकास संबंधी चिंताओं का समाधान कर सकती हैं।
- समावेशी कार्यस्थल संस्कृति: प्रबंधक व्यवहार को संबोधित करना और शिकायत निवारण प्रणाली प्रदान करना।
निष्कर्ष: इन चुनौतियों का समाधान करना न केवल एक सामाजिक आवश्यकता है, बल्कि ग्रे और ब्लू-कॉलर भूमिकाओं में महिलाओं को सक्षम बनाकर प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।