राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का अवलोकन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारत की आज़ादी के बाद से तीसरी ऐसी नीति है जिसका उद्देश्य स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों में व्यापक सुधार लाना है। राज्य-केंद्र टकराव और संस्थागत देरी जैसी विभिन्न चुनौतियों के कारण इसके कार्यान्वयन के मिश्रित परिणाम देखने को मिले हैं।
उपलब्धियां
- स्कूली पाठ्यक्रम में परिवर्तन:
- पारंपरिक 10+2 प्रणाली को एक नई संरचना से प्रतिस्थापित किया गया है: आधारभूत, प्रारंभिक, मध्य और द्वितीयक चरण।
- स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE) प्रत्येक चरण के लिए सीखने के परिणामों की रूपरेखा तैयार करती है।
- NCERT ने कक्षा 1-8 के लिए एकीकृत पाठ्य-पुस्तकें विकसित की हैं, तथा कक्षा 9-12 के लिए भी नई पुस्तकें आएंगी।
- बचपन में मिली शिक्षा:
- NEP का लक्ष्य 2030 तक सार्वभौमिक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है।
- जादूई पिटारा शिक्षण किट का उपयोग किया जा रहा है, तथा कुछ राज्य कक्षा 1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा छह वर्ष लागू कर रहे हैं।
- आधारभूत कौशल फोकस:
- निपुण भारत का लक्ष्य कक्षा 3 तक पढ़ने और बुनियादी गणनात्मक दक्षता हासिल करना है, तथा वर्तमान औसत सर्वेक्षण स्कोर सुधार की गुंजाइश दर्शाता है।
- क्रेडिट-आधारित लचीलापन:
- अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) छात्रों को शैक्षिक क्रेडिट अर्जित करने और संग्रहीत करने की अनुमति देता है।
- राष्ट्रीय ऋण ढांचे (एनसीआरएफ) के माध्यम से स्कूली छात्रों तक लचीलापन बढ़ाया गया है।
- सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET):
- 2022 में शुरू की गई यह योजना स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश को सुव्यवस्थित करेगी।
- विश्वव्यापी पहुँच:
- आईआईटी और आईआईएम जैसे भारतीय संस्थानों ने विदेशों में अपने परिसर स्थापित किये हैं।
- भारत में अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भी स्थापित हो रहे हैं।
चल रही विकास परियोजनाएं
- बोर्ड परीक्षाएं:
- कम दबाव वाली परीक्षाओं तथा एकाधिक परीक्षा अवसरों की योजना पर विचार किया जा रहा है।
- समग्र रिपोर्ट कार्ड:
- परख ने समावेशी प्रगति कार्ड विकसित किए हैं, जिन्हें अभी व्यापक रूप से अपनाया जाना बाकी है।
- चार वर्षीय स्नातक डिग्री:
- अवसंरचना और संकाय संबंधी बाधाओं के कारण कार्यान्वयन में चुनौतियां आ रही हैं।
- मातृभाषा निर्देश:
- कक्षा 5 तक शिक्षण माध्यम के रूप में प्रोत्साहित किया गया, तथा विभिन्न भाषाओं में पाठ्य-पुस्तकों का विकास जारी रहा।
चुनौतियाँ और रुकी हुई पहल
- त्रिभाषा फार्मूला: हिंदी थोपे जाने को लेकर तमिलनाडु जैसे राज्यों का विरोध।
- शिक्षक शिक्षा: शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा जारी करने में विलंब।
- भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (HECI): UGC को प्रतिस्थापित करने के लिए मसौदा विधेयक पर चर्चा जारी है।
- स्कूलों के लिए नाश्ता: वित्त मंत्रालय ने मध्याह्न भोजन के साथ नाश्ते के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
- नीतिगत असहमति:
- केरल और तमिलनाडु जैसे राज्य एनईपी के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं।
- शिक्षा नीति में केंद्र द्वारा एकतरफा परिवर्तन लागू करने पर चिंता।