भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध
हाल के घटनाक्रमों में अमेरिका ने भारतीय आयातों पर 25% टैरिफ लगाया है और रूस से रक्षा एवं ऊर्जा आयातों पर जुर्माने का संकेत दिया है। इसके जवाब में, भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में रियायतें पेश करने की योजना बना रहा है।
प्रमुख वार्ता बिंदु
- भारतीय मंत्रालयों को उन रियायतों की पहचान करने का काम सौंपा गया है जो अमेरिका को आकर्षित कर सकें, बाजार पहुंच पर ध्यान केंद्रित करना, टैरिफ बाधाओं को कम करना और गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करना।
- भारत कुछ कृषि उत्पादों पर रियायतें देने में हिचकिचा रहा है, लेकिन अपने सबसे बड़े निर्यात गंतव्य अमेरिका तक बाजार पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता को समझता है।
आर्थिक प्रभाव और रणनीति
- टैरिफ लगाने से भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को कम हो सकती है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि और आर्थिक गति प्रभावित हो सकती है ।
- विकल्पों में अमेरिकी रक्षा उपकरणों और तेल की खरीद को बढ़ावा देना तथा परमाणु वार्ता में अधिक भागीदारी करना शामिल है।
- भारतीय रिफाइनरियों ने रूस से तेल आयात कम कर दिया है, तथा उसके स्थान पर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और नाइजीरिया से अधिक आयात कर रहे हैं।
निष्कर्ष
भारत का लक्ष्य बदलती वैश्विक व्यापार गतिशीलता के बीच अमेरिका के साथ एक लाभकारी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है, साथ ही भविष्य के निवेशों के लिए आर्थिक लचीलापन और आकर्षण में सुधार के लिए घरेलू सुधारों को मजबूत करना है।