भारत में खनन कानूनों में संशोधन
भारत सरकार खनन कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव करने जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए राज्य वित्त पोषण को सुगम बनाना है।
मुख्य प्रस्ताव विवरण
- खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में संशोधन संसद में प्रस्तुत किये जाने की उम्मीद है।
- राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (NMET) इन अधिग्रहणों का वित्तपोषण करेगा। इस ट्रस्ट के पास ₹6,000 करोड़ से अधिक का कोष है।
- ट्रस्ट के नाम में 'विकास' शामिल होगा जो अन्वेषण , अधिग्रहण और विकास के लिए इसके विस्तारित दायरे को दर्शाएगा । विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों की उपलब्धता।
उद्देश्य और लाभ
- महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देना।
- महत्वपूर्ण खनिज कच्चे माल की उपलब्धता के मुद्दों का समाधान करना।
अतिरिक्त प्रावधान
- कैप्टिव खदानों से एकमुश्त बिक्री के माध्यम से खनिज डंप के निपटान की अनुमति देना, अनुपयोगी निम्न-श्रेणी के खनिजों के मुद्दे का समाधान करना।
- राज्यों को अतिरिक्त भुगतान पर पट्टे पर दिए गए क्षेत्रों में खनिज डंप की बिक्री की अनुमति देने के लिए सशक्त बनाना।
नियामक सरलीकरण
- नये खोजे गए खनिजों और समीपवर्ती क्षेत्रों को शुल्क लेकर मौजूदा खनन पट्टों में शामिल करना।
- गहरे खनिज संसाधनों के पट्टाधारक मौजूदा पट्टा क्षेत्र के 10% तक के एकमुश्त विस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं।