भारत के कर राजस्व पर टैरिफ का प्रभाव
टैरिफ़ पर चर्चा तेज़ हो गई है और भारत को "टैरिफ़ किंग" कहा जा रहा है। यहाँ मुख्य ध्यान अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ़ की पृष्ठभूमि में, टैरिफ़ के भारत के खजाने और कर राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने पर है।
ऐतिहासिक संदर्भ और GST कार्यान्वयन
- जुलाई 2017 से पहले, सीमा शुल्क से आयात पर कर राजस्व का व्यापक विवरण प्राप्त होता था।
- GST लागू होने के बाद, कर संरचना में बदलाव आया और विभिन्न शुल्कों को केंद्रीय GST, राज्य GST और एकीकृत GST (IGST) के साथ GST ढांचे में एकीकृत कर दिया गया।
- IGST अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लगाया जाता है तथा राजस्व केंद्र और राज्यों के बीच साझा किया जाता है।
राजस्व वितरण और राज्य-केंद्रीय गतिशीलता
- केंद्र सीमा शुल्क संग्रह का 41-42% राज्यों के साथ साझा करता है, जबकि IGST उच्च दर पर साझा किया जाता है।
- आयात पर IGST का लगभग आधा हिस्सा राज्यों के साथ साझा किया जाता है, जो वित्त आयोग के फार्मूले के अनुरूप है।
- बढ़ते IGST संग्रह से राज्यों को अधिक लाभ होता है, जिससे केंद्र के लिए संभावित वित्तीय चुनौतियां उत्पन्न होती हैं।
संभावित रणनीतिक बदलाव
- वित्त आयोग द्वारा राज्यों को अधिक केन्द्रीय कर हस्तांतरण की सिफारिश के बाद, केन्द्र ने अधिक राजस्व बनाए रखने के लिए उपकरों और अधिभारों पर निर्भरता बढ़ा दी।
- इस बात पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या केंद्र भी आयात राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी को इसी तरह सीमित कर सकता है।