"सिन एंड डीमेरिट गुड्स" के लिए GST व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन
भारत सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव पर विचार कर रही है, जिसके तहत "सिन एंड डीमेरिट गुड्स" पर 40 प्रतिशत की विशेष दर का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसमें पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट, लग्जरी कारें, एसयूवी और खास तौर पर ऑनलाइन गेमिंग जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
ऑनलाइन गेमिंग को शामिल करने के पीछे तर्क
- राजस्व विभाग का लक्ष्य वस्तुओं और सेवाओं को वर्गीकृत करने में देश के "सामाजिक लोकाचार" के साथ तालमेल बिठाना है तथा ऑनलाइन गेमिंग को "पाप और अवगुण" वाली वस्तुओं की परिभाषा के अनुरूप देखना है।
- स्वचालित भुगतान की आसानी और इन प्लेटफार्मों पर महत्वपूर्ण मौद्रिक खर्च के कारण उपयोगकर्ताओं के लिए वित्तीय निहितार्थों को लेकर चिंताएं मौजूद हैं।
राजकोषीय निहितार्थ और उद्योग की प्रतिक्रिया
- प्रस्तावित 40 प्रतिशत दर के कार्यान्वयन से केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों को पर्याप्त राजस्व लाभ हो सकता है।
- ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र की मांग काफी अस्थिर है, जिसने पहले भी GST परिवर्तनों पर प्रतिक्रिया दी है:
- 1 अक्टूबर, 2023 को एक समान 28 प्रतिशत GST लागू होने के बाद, GST राजस्व में वृद्धि हुई।
- केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग राजस्व में 412 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो छह महीने के भीतर 1,349 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,909 करोड़ रुपये हो गया।
- इसी अवधि में कैसीनो के राजस्व में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 164.6 करोड़ रुपये से बढ़कर 214 करोड़ रुपये हो गई।
उपयोगकर्ता व्यय और नीति निर्माता की चिंताएँ
- नीति निर्माता ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं द्वारा खर्च किए जाने वाले महत्वपूर्ण समय और धन पर चिंता व्यक्त करते हैं।
- मुख्य आर्थिक सलाहकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2025-26 की शुरुआत में डिजिटल गेम्स पर UPI भुगतान औसतन 10,000 करोड़ रुपये मासिक था, जिसका अनुमान 1.2 ट्रिलियन रुपये का वार्षिक खर्च है।
नियामक विचार
- सरकार ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए कड़े नियम बनाने पर विचार कर रही है। संभवतः उन पर धन शोधन विरोधी कानून, अपने ग्राहक को जानो (KYC) अनिवार्यताएँ तथा संदिग्ध लेन-देन की निगरानी लागू की जाएगी।