जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने लोकसभा में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। इस पहल का उद्देश्य भारत में व्यापार करने में आसानी और जीवन जीने में आसानी, दोनों को बढ़ाना है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- प्रावधानों में संशोधन:
- 10 मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रशासित 16 केंद्रीय कानूनों के अंतर्गत 355 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव।
- कारोबार में आसानी को बढ़ावा देने के लिए 288 प्रावधानों को अपराधमुक्त किया जाएगा।
- ईज़ ऑफ़ लिविंग के लिए 67 प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा।
- सिविल दंड पर ध्यान: यह विधेयक मामूली या अनजाने उल्लंघनों के लिए आपराधिक मुकदमों से ध्यान हटाकर सिविल दंड पर केंद्रित करता है।
- स्वचालित दंड वृद्धि: नए विधायी संशोधनों के बिना प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए जुर्माना और दंड प्रत्येक तीन वर्ष में स्वचालित रूप से 10% बढ़ जाएगा।
- पहली बार अपराध करने वालों के लिए सलाह:
- 10 विभिन्न कानूनों के अंतर्गत सूचीबद्ध 76 छोटे उल्लंघनों के लिए पहली बार अपराध करने वालों को कठोर दंड के बजाय चेतावनी या परामर्श दिया जाएगा।
- कागजी कार्रवाई में छोटी-मोटी गलतियों के लिए जेल की सजा के बजाय दंड या चेतावनी दी जाएगी।
- सरकारी अधिकारियों की भूमिका: दंड अदालतों के बजाय प्रशासनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से सरकारी अधिकारियों द्वारा लगाया जाएगा।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
- यह विधेयक जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 के बाद आया है, जो विभिन्न कानूनों के तहत छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने वाला पहला समेकित कानून था।
- 2023 अधिनियम ने 19 मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया था।
- नये विधेयक का उद्देश्य अनावश्यक कारावास को कम करना तथा कम जुर्माने को रोकना है, जो व्यवस्था में भय और अविश्वास पैदा करते हैं।
प्रभावित विशिष्ट कानून
- चाय अधिनियम, 1953
- विधिक मापविज्ञान अधिनियम, 2009
- मोटर वाहन अधिनियम, 1988
- औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940
इस विधेयक को भारत की विनियामक सुधार यात्रा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है, जो न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे सतत आर्थिक विकास को गति मिलने तथा व्यापार करने में आसानी में सुधार होने की उम्मीद है।