भारत का टीकाकरण कार्यक्रम
अवलोकन
टीकाकरण को एक अत्यधिक प्रभावी और किफ़ायती जन स्वास्थ्य उपाय माना जाता है, जिससे लाखों लोगों की जान बचती है। भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) दुनिया भर में सबसे बड़ा है, जिसका लक्ष्य सालाना 2.6 करोड़ शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण प्रदान करना है।
उपलब्धियां और कवरेज
- इस कार्यक्रम ने 2014 और 2021 के बीच 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर को 45 से घटाकर 31 प्रति 1,000 जीवित जन्मों तक लाने में योगदान दिया।
- इसके तहत12 बीमारियों की रोकथाम के लिए मुफ्त टीकाकरण की पेशकश की जाती है, जिसमें 11 टीके देश भर में और एक टीका प्रभावित क्षेत्रों में लगाया जाता है।
- पिछले दशक में विभिन्न आयु समूहों के लिए छह अतिरिक्त टीकों को शामिल किया गया।
मिशन इंद्रधनुष (MI) और गहन MI (IMI)
- कम कवरेज और वंचित आबादी को लक्षित करके टीकाकरण कवरेज को 90% तक विस्तारित करने के लिए 2014 में शुरू किया गया।
- 2023 तक 12 चरण पूरे कर 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा।
- कवरेज बढ़ाने के लिए ग्राम स्वराज अभियान के साथ एकीकृत किया गया।
चुनौतियाँ और रणनीतियाँ
- चुनौतियों में दूरदराज, प्रवासी आबादी तक पहुंचना और टीकाकरण के प्रति अनिच्छा पर काबू पाना शामिल है।
- 'शून्य-खुराक' आउटरीच, डिजिटल ट्रैकिंग और अवसंरचना में सुधार जैसे नवीन समाधान लागू किए जा रहे हैं।
मुख्य सफलताएं
- 2011 से पोलियो मुक्त की स्थिति बनाए रखी तथा 2015 में मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन हासिल किया।
- 2016 में यॉज़-मुक्त घोषित किया गया और 2017 और 2019 के बीच 34.8 करोड़ बच्चों को मीज़ल्स-रूबेला के खिलाफ टीका लगाया गया।
COVID-19 का प्रभाव
महामारी ने नियमित टीकाकरण सेवाओं को बाधित कर दिया, जिससे 2022 और 2024 के बीच खसरे का प्रकोप बढ़ गया। इसके जवाब में, IMI 5.0 ने 2023 में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को लक्षित किया, और 2025 में शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान शुरू किया गया।
अवसंरचना और डिजिटल उपकरण
- कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स को मजबूत किया गया तथा प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन की शुरुआत की गई।
- CO-WIN की सफलता को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल टीकाकरण ट्रैकिंग के लिए U-WIN प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया।
वैश्विक योगदान और मान्यता
- भारत जनवरी 2023 तक 220 करोड़ से अधिक खुराकें प्रदान करके कोविड-19 वैक्सीन के विकास और वितरण में अग्रणी बनकर उभरा है।
- वैक्सीन मैत्री पहल के माध्यम से, वैश्विक एकजुटता प्रदर्शित करते हुए, कई देशों का समर्थन किया।
- 2024 में, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में प्रयासों के लिए मीजल्स और रूबेला चैंपियन पुरस्कार प्राप्त किया।
भविष्य की संभावनाओं
भारत अपनी विनिर्माण क्षमता और 'मेक इन इंडिया' रणनीति के साथ वैश्विक वैक्सीन परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है। रोग निगरानी को टीकाकरण से जोड़ने और टीकाकरण-विरोधी बयानों की निगरानी पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
महामारी की प्रभावी तैयारी के लिए, मानव, पशु और पर्यावरण प्रणालियों में निगरानी को एकीकृत करते हुए, एक-स्वास्थ्य दृष्टिकोण की वकालत की जाती है।