RoDTEP योजना का विस्तार
भारत सरकार ने निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों और करों में छूट (RoDTEP) योजना को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है, जो अब मार्च 2026 में समाप्त होने वाली है। इस निर्णय का उद्देश्य अमेरिका, जो भारतीय निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है, से बढ़े हुए टैरिफ के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे निर्यातकों को राहत प्रदान करना है।
RoDTEP योजना का विवरण
- लॉन्च और उद्देश्य:
- 2021 में शुरू की गई यह योजना वस्तुओं के निर्माण और वितरण के दौरान लगने वाले करों, शुल्कों और लेवी को वापस करती है।
- केंद्रीय, राज्य या स्थानीय स्तर पर अन्य तंत्रों के तहत प्रतिपूर्ति न किए जाने वाले खर्चों का समाधान करता है।
- विस्तार का औचित्य:
- इस योजना को शुरू में 30 सितंबर को समाप्त होना था।
- विस्तार का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और उच्च अमेरिकी टैरिफ की अवधि के दौरान निर्यातकों की सहायता करना है।
- लाभ पात्रता:
- अग्रिम प्राधिकरण धारक, निर्यातोन्मुख इकाइयां और विशेष आर्थिक क्षेत्र जैसी संस्थाएं अगले वर्ष मार्च तक लाभ उठा सकती हैं।
- वापसी दरें:
- रिफंड की सीमा 0.3% से 3.9% तक है, तथा संशोधित दरें सभी निर्यात वस्तुओं पर लागू होती हैं।
निर्यातकों पर प्रभाव
- उद्योग की प्रतिक्रिया:
- भारतीय निर्यात संगठन महासंघ के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के अनुसार, इस विस्तार से निर्यातकों के लिए अनिश्चितता दूर हो गई है।
- वैश्विक व्यापार चुनौतियों के बीच निर्यात की गति को बनाए रखने के लिए इस योजना को जारी रखना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
- प्रतिस्पर्धात्मकता:
- RoDTEP योजना गैर-क्रेडिट योग्य करों और शुल्कों को बेअसर करने में मदद करती है।
- यह वैश्विक स्तर पर भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाये रखने में सहायक है।