भारतीय रिज़र्व बैंक: भुगतान नियामक बोर्ड (PRB)
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की भुगतान प्रणालियों की देखरेख के लिए एक नए छह सदस्यीय भुगतान नियामक बोर्ड (PRB) का गठन किया है।
PRB की संरचना
- RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में।
- इसमें RBI के दो अन्य प्रतिनिधि शामिल हैं:
- उप राज्यपाल
- भुगतान और निपटान प्रणालियों के प्रभारी कार्यकारी निदेशक
- तीन केन्द्रीय सरकार के नामित व्यक्ति:
- वित्तीय सेवा विभाग के सचिव
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव
- अरुणा सुंदरराजन, पूर्व दूरसंचार सचिव
अधिकार और समर्थन
- पीआरबी, भुगतान एवं निपटान प्रणाली विनियमन एवं पर्यवेक्षण बोर्ड (BPSS) का स्थान लेगा, जो कि RBI की पूर्व समिति है।
- इसका अधिकार भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 से प्राप्त होता है।
- आरबीआई के भुगतान एवं निपटान प्रणाली विभाग (DPSS) द्वारा समर्थित, जो सीधे PRB को रिपोर्ट करता है।
सरकार की भागीदारी का महत्व
- सरकारी प्रतिनिधियों को शामिल करना एक बदलाव का संकेत है क्योंकि अब सरकार देश की भुगतान प्रणालियों के काम-काज को प्रभावित करती है।
निर्णय लेना और बैठकें
- बोर्ड की बैठकों के दौरान निर्णयों के लिए बहुमत की स्वीकृति आवश्यक होती है।
- बराबर मतों की स्थिति में अध्यक्ष या उनकी अनुपस्थिति में उप-गवर्नर को निर्णायक मत देने का अधिकार होगा।
- बोर्ड को वर्ष में कम से कम दो बार बैठक करना आवश्यक है।
- जिन विषयों पर निर्णय की आवश्यकता हो, उन्हें बहुमत से अनुमोदन के लिए सदस्यों के बीच प्रसारित किया जा सकता है।
- RBI का प्रमुख कानूनी सलाहकार बोर्ड की बैठकों में स्थायी आमंत्रित सदस्य होता है।