वित्त उद्योग विकास परिषद (FIDC) को SRO के रूप में मान्यता
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त उद्योग विकास परिषद (FIDC) को स्व-नियामक संगठन (SRO) का दर्जा प्रदान किया है।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
- NBFC क्षेत्र में SRO दर्जे के लिए RBI को प्राप्त तीन आवेदनों में से केवल FIDC का आवेदन ही पूर्ण था और उस पर विचार किया गया।
- अन्य दो आवेदनों पर समय सीमा तक अपूर्ण प्रस्तुतीकरण के कारण विचार नहीं किया गया।
- FIDC अब वित्त क्षेत्र में अन्य SRO में शामिल हो गया है:
- माइक्रोफाइनेंस कंपनियां: सा-धन और माइक्रोफाइनेंस नेटवर्क (MFIN) द्वारा प्रतिनिधित्व।
- फिनटेक: फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (FACE) द्वारा प्रतिनिधित्व।
FIDC के CEO रमन अग्रवाल का बयान
- रमन अग्रवाल ने इस मान्यता को FIDC के लिए "महत्वपूर्ण दिन" बताया, जो NBFC क्षेत्र के लिए SRO के रूप में इसकी औपचारिक स्वीकृति को दर्शाता है।
- FIDC को अप्रैल के अंत तक सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई, जिसके बाद औपचारिक मान्यता प्राप्त करने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की गईं।
एक SRO के रूप में FIDC की भूमिका और जिम्मेदारियां
- FIDC क्षेत्र में अनुपालन और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए नियामक की विस्तारित शाखा के रूप में कार्य करेगा।
- संगठन अपनी नई जिम्मेदारियों के अनुरूप परिचालन को कार्यात्मक बनाने की योजना बना रहा है।
- FIDC विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेगा, जिनमें शामिल हैं:
- NBFC-ICCs
- NBFC कारक
- आवास वित्त कंपनियां
- बुनियादी ढांचा वित्तपोषण NBFC