अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हाल ही में मड वॉल्कनों का विस्फोट
अवलोकन
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बाराटांग में स्थित मड वॉल्कनों दो दशकों से भी ज़्यादा समय तक सुप्त रहने के बाद फट गया। इस घटना में विस्फोट जैसी तेज़ आवाज़ सुनाई दी।
विस्फोट का विवरण
- यह विस्फोट 2 अक्टूबर को हुआ, जिसकी ध्वनि बहुत तेज थी।
- मड वॉल्कनों पृथ्वी के अंदर सड़ते हुए कार्बनिक पदार्थों से उत्पन्न गैसों द्वारा संचालित होते हैं, जो मिट्टी और गैस को सतह पर धकेलते हैं।
- विस्फोट के परिणामस्वरूप 3-4 मीटर ऊंचा मिट्टी का टीला बन गया, जिसने 1,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र को घेर लिया।
- इस क्षेत्र से लगातार कीचड़ और धुआं निकल रहा है, जिसके कारण सुरक्षा कारणों से इस स्थल की ओर पर्यटकों की आवाजाही रोक दी गई है।
स्थान और पहुँच
- बाराटांग उत्तर और मध्य अंडमान जिले में स्थित है, जो पोर्ट ब्लेयर से लगभग 150 किमी दूर है।
- यह स्थल भारत का एकमात्र मड वॉल्कनों होने के कारण जाना जाता है, जो इसे एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण बनाता है।
- प्राधिकारियों ने स्थानीय पर्यटन हितधारकों को स्थल तक जाने वाले मार्गों के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया है।
सुरक्षा उपाय
- वन विभाग ने ज्वालामुखी तक पहुंचने के रास्ते बंद कर दिए हैं।
- स्थानीय पुलिस और वन अधिकारी पर्यटकों और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
बैरेन द्वीप से संबंध
पोर्ट ब्लेयर से लगभग 140 किलोमीटर दूर स्थित बैरेन द्वीप पर भी हाल ही में छोटे ज्वालामुखी विस्फोट देखे गए। इनका बाराटांग के मड वॉल्कनों से कोई संबंध नहीं है।
बैरेन द्वीप ज्वालामुखी गतिविधि
- बैरन द्वीप भारतीय और बर्मी टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर स्थित है।
- द्वीप पर पहला विस्फोट 1787 में हुआ था, जिसके बाद 1991, 2005, 2017 और नवंबर 2022 में भी विस्फोट हुए।
- बैरन द्वीप पर हाल की गतिविधि 13 और 20 सितंबर, 2022 को देखी गई।