कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का संबोधन
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए भारत की क्रिप्टोकरेंसी नीति में संभावित बदलावों का संकेत दिया। उनकी अंतर्दृष्टि वैश्विक और घरेलू, दोनों स्तरों पर वर्तमान आर्थिक और रणनीतिक परिवेश को दर्शाती है।
क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की स्थिति
- वित्त मंत्री ने स्टेबलकॉइन्स के साथ जुड़ने की अनिवार्यता पर जोर दिया तथा धन और पूंजी प्रवाह पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला।
- वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निजी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में अपनी आपत्तियां व्यक्त की हैं, हालांकि उन पर कर लगाया जाता है।
- RBI वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करता है, लेकिन साथ ही साथ सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पायलट्स की भी संभावना तलाश रहा है, जो सरकार समर्थित क्रिप्टोकरेंसी हैं।
- स्टेबलकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी के रूप में वर्णित किया जाता है, जो मुद्रा बास्केट या कीमती धातुओं जैसी स्थिर परिसंपत्तियों से जुड़ी होती हैं।
वैश्विक मौद्रिक और रणनीतिक गतिशीलता
सीतारमण ने स्टेबलकॉइन जैसे नवाचारों की परिवर्तनकारी प्रकृति और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य पर उनके प्रभावों पर चर्चा की:
- मौद्रिक संरचना विकसित होने के कारण देशों को अनुकूलन के लिए द्विआधारी निर्णयों का सामना करना पड़ सकता है या पीछे छूट जाने का जोखिम उठाना पड़ सकता है।
- भारत की आर्थिक लचीलेपन की प्रशंसा की जाती है, यद्यपि आत्मसंतुष्टि के प्रति सतर्कता बरतने का आह्वान भी किया जाता है।
रणनीतिक स्वतंत्रता और वैश्विक गठबंधन
- चल रहे युद्ध और रणनीतिक प्रतिद्वंद्विताएं वैश्विक गठबंधनों को नया रूप दे रही हैं तथा भारत के लिए कमजोरियां और अवसर दोनों प्रस्तुत कर रही हैं।
- मंत्री ने रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए निरंतर सतर्कता और प्रदर्शन के महत्व पर बल दिया।