राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज भंडार (NCMS) पहल
सरकार राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज भंडार (NCMS) कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रही है, जो भारत में दुर्लभ मृदा तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
पृष्ठभूमि और प्रेरणा
- दुर्लभ मृदा चुम्बकों पर निर्यात प्रतिबंध लगाने के चीन के निर्णय से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई है।
- दुर्लभ मृदा तत्व विभिन्न हरित प्रौद्योगिकियों जैसे विद्युत वाहनों और पवन टर्बाइनों के लिए आवश्यक हैं।
कार्यक्रम विवरण
- दुर्लभ मृदा तत्वों का दो महीने का भंडार बनाने का लक्ष्य।
- प्रारंभिक ध्यान दुर्लभ मृदा तत्वों पर होगा, तथा अन्य महत्वपूर्ण खनिजों तक विस्तार की योजना है।
- कार्यक्रम में निजी क्षेत्रक की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
दुर्लभ पृथ्वी तत्व
- समान रासायनिक गुणों वाले 17 तत्वों का समूह।
- अद्वितीय चुंबकीय और विद्युत गुणों के लिए मूल्यवान, विशेष रूप से दुर्लभ पृथ्वी चुंबकों में।
सरकारी पहल
- दुर्लभ मृदा चुम्बक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 7,300 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई, जिसका लक्ष्य पांच वर्षों में 6,000 टन उत्पादन करना है।
- राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के अंतर्गत आपूर्ति में व्यवधान से बचाव के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
चुनौतियाँ और उद्योग अंतर्दृष्टि
- घरेलू स्तर पर दुर्लभ मृदा तत्वों के निष्कर्षण हेतु भारत की तकनीकी क्षमता सीमित है, तथा अधिकांश आपूर्ति आयातित होती है।
- भारत के अनुमानित भंडार में 13.15 मिलियन टन मोनाजाइट के साथ 7.23 मिलियन टन दुर्लभ मृदा ऑक्साइड शामिल है।
रणनीतिक नीलामी
- नीलामी के पांच चरण आयोजित किए गए, जिनमें 55 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की पेशकश की गई और 34 सफलतापूर्वक आवंटित किए गए।
- अतिरिक्त ब्लॉकों के लिए नीलामी का छठा चरण हाल ही में शुरू किया गया।