भारत का व्यापार घाटा और निर्यात-आयात अवलोकन
सितंबर में भारत का व्यापार घाटा 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, जिसका मुख्य कारण सोने-चाँदी (बुलियन) के आयात में वृद्धि है। वस्तुगत निर्यात में 6.7% की साल-दर-साल (Y-o-Y) वृद्धि के साथ $36.38 बिलियन तक पहुँचने के बावजूद, आयात 16.7% बढ़कर $68.53 बिलियन हो गया, जिससे व्यापार घाटा बढ़कर $32.15 बिलियन हो गया।
- सितंबर 2024 में व्यापार घाटा $24.65 बिलियन था।
- सेवा निर्यात 5.5% घटकर $30.82 बिलियन रह गया, जबकि आयात 7.6% घटकर $15.3 बिलियन हो गया, जिसके परिणामस्वरूप सेवा व्यापार अधिशेष 15.5 बिलियन डॉलर हो गया।
- आयात में वृद्धि के प्रमुख कारण थे:
- सोने के आयात में 107% की वृद्धि।
- चाँदी के आयात में 139% की वृद्धि।
- उर्वरक शिपमेंट में 202% की वृद्धि।
- इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में 15% की वृद्धि।
अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव
50% टैरिफ के सितंबर में पूरी तरह से प्रभावी होने के कारण, अमेरिका को होने वाला निर्यात (शिपमेंट) साल-दर-साल लगभग 12% तक संकुचित हो गया। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका को होने वाला निर्यात अगस्त के $6.87 बिलियन से घटकर सितंबर में $5.43 बिलियन रह गया।
- अमेरिका को होने वाले भारत के कुल वस्तुगत निर्यात का 55% इस अतिरिक्त टैरिफ से प्रभावित होने की उम्मीद है।
- झींगा, वस्त्र, रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों के महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित होने की आशंका है।
- वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेरिका को होने वाले निर्यात का 45% हिस्सा अभी भी टैरिफ के दायरे से बाहर है तथा इसके विशिष्ट प्रभाव का आकलन जारी है।
मध्य-वर्षीय निर्यात और आयात प्रदर्शन
वित्त वर्ष 26 (FY26) की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान, भारत का वस्तु निर्यात 3% बढ़कर $220.12 बिलियन हो गया, जबकि आयात 4.5% बढ़कर $375.11 बिलियन हो गया।
- गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात, जो निर्यात की स्थिति के संकेतक हैं, 6% बढ़कर $28.59 बिलियन हो गए।
- वृद्धि के प्रमुख चालकों में शामिल हैं:
- इंजीनियरिंग सामान: 2.93% वृद्धि
- इलेक्ट्रॉनिक्स: 50.54% वृद्धि
- औषधियाँ और फार्मास्यूटिकल्स: 2.56% वृद्धि
- कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन: 1.76% वृद्धि