राज्यों के लिए राजकोषीय गुंजाइश | Current Affairs | Vision IAS

Daily News Summary

Get concise and efficient summaries of key articles from prominent newspapers. Our daily news digest ensures quick reading and easy understanding, helping you stay informed about important events and developments without spending hours going through full articles. Perfect for focused and timely updates.

News Summary

Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat

राज्यों के लिए राजकोषीय गुंजाइश

1 min read

GST कार्यान्वयन और राजकोषीय चुनौतियाँ

GST का परिचय और इसके निहितार्थ 

  • GST कर स्लैब के पुनर्गठन से उपभोक्ताओं को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर लाभ मिलने का अनुमान है।
  • GST क्षतिपूर्ति उपकर को समाप्त करना एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है, जिससे स्थानीय मांग और राजस्व वृद्धि को बढ़ावा मिलने की संभावना है। 
  • राज्य राजस्व हानि के अपर्याप्त अनुमान पर चिंता व्यक्त करते हैं तथा क्षतिपूर्ति की मांग में उपेक्षा महसूस करते हैं।

राजकोषीय स्वायत्तता और सहकारी संघवाद पर प्रभाव

GST लागू होने से कराधान की शक्तियाँ GST परिषद के पास चली गईं, जिससे राज्यों की राजकोषीय स्वायत्तता कम हो गई। इससे कर-बंटवारे की राजकोषीय नीति पर पुनर्विचार करने की माँग उठी है, ताकि इसे 'सहकारी संघवाद' के सिद्धांत के अनुरूप बनाया जा सके।

संवैधानिक ढांचा और राजकोषीय नीतियां

  • अनुच्छेद 246: केंद्र और राज्यों के बीच कर शक्ति वितरण को परिभाषित करता है।
  • सेवा कर: 92वें संशोधन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया तथा 101वें संशोधन के साथ विकसित होकर 2017 में गंतव्य-आधारित कर के रूप में GST लागू किया गया। 

केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध

  • अनुच्छेद 268 से 293: केंद्र-राज्य वित्तीय अंतःक्रियाओं की रूपरेखा।
  • वित्त आयोग को राज्य हस्तांतरण निर्धारित करने का कार्य सौंपा गया है, लेकिन इसके मानदंडों में विसंगतियां और कथित पूर्वाग्रह विवाद के विषय हैं। 
  • उच्च अनुशंसाओं के बावजूद, गैर-साझाकरणीय उपकर और अधिभार वृद्धि के कारण निधियों का वास्तविक हस्तांतरण अपेक्षाओं से कम बना हुआ है। 

केंद्रीय स्थानान्तरण और राजकोषीय निर्भरता 

  • राज्यों के राजस्व में केन्द्रीय स्थानान्तरण का योगदान 44% है तथा राज्यों के बीच इसमें काफी भिन्नता है, जो राजकोषीय निर्भरता को दर्शाता है। 
  • GST से पहले और GST के बाद की अवधि में कर संग्रह का केंद्रीकरण और राज्य की व्यय जिम्मेदारियों में वृद्धि देखी गई है।

चुनौतियाँ और प्रस्तावित समाधान 

राज्यों को प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ती व्यय प्रतिबद्धताओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण अधिक राजकोषीय स्वायत्तता की मांग उठ रही है। सुझावों में कर संग्रह और व्यय में संतुलन के लिए कनाडा जैसे मॉडल अपनाना शामिल है। इसके अतिरिक्त, राज्य केंद्र पर राजकोषीय निर्भरता कम करने के लिए व्यक्तिगत आयकर आधार को साझा करने या राज्यों को आयकर में वृद्धि करने की अनुमति देने की वकालत कर रहे हैं। 

निष्कर्ष 

GST ने राजकोषीय परिदृश्य को काफ़ी हद तक बदल दिया है, कर शक्ति का केंद्रीकरण कर दिया है और राज्यों और केंद्र के बीच टकराव पैदा कर दिया है। जन आकांक्षाओं को पूरा करने और सेवा अंतराल को पाटने के लिए बढ़ी हुई राजकोषीय स्वायत्तता आवश्यक है।

  • Tags :
  • Goods and Services Tax (GST)
Subscribe for Premium Features

Quick Start

Use our Quick Start guide to learn about everything this platform can do for you.
Get Started