जनगणना में बाथौ धर्म को मान्यता
असम में बोडो समुदाय द्वारा प्रचलित बाथौ धर्म को आगामी जनगणना में एक अलग कोड प्रदान किया गया है। इस कदम को राष्ट्रीय स्तर पर इस धर्म को एक महत्वपूर्ण मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
- प्रोमोद बोरो का बयान:
- बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) के पूर्व मुख्य कार्यकारी सदस्य और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी-लिबरल (UPPL) के नेता प्रमोद बोरो ने इस ऐतिहासिक मान्यता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया।
- उन्होंने इस निर्णय को बाथौ धर्म को लंबे समय से प्रतीक्षित राष्ट्रीय मान्यता प्रदान करने वाला बताया।
- जनगणना गणनाकर्ताओं के लिए निर्देश:
- भारत के महापंजीयक ने गणनाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे उत्तरदाताओं द्वारा बताए गए धर्म को दर्ज करना, तथा यह सुनिश्चित करना कि सभी बताए गए धर्मों, संप्रदायों या विश्वासों का सही ढंग से दस्तावेजीकरण किया जाए।
- इस निर्णय की सूचना कोकराझार स्थित बाथौ पारंपरिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष शारदा प्रसाद मशाहरी को दी गई।
- बाथौ धर्म का महत्व:
- मार्च में एक यात्रा के दौरान, अमित शाह ने बोडोलैंड के लोगों के लिए बाथौ धर्म के महत्व पर जोर दिया।
- इस धर्म को "पांच तत्वों के निर्माता के गहरे रहस्य" का प्रतीक बताया गया है, जो पांच मूलभूत तत्वों का उल्लेख करता है: अग्नि, वायु, पृथ्वी, आकाश और जल।
- अमित शाह ने बाथौ धर्म के संदेश को फैलाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है।