यह रिपोर्ट केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के तहत भारत के महारजिस्ट्रार (Registrar General of India: RGI) द्वारा संकलित की जाती है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- जन्म के समय लिंगानुपात (SRB): वर्तमान में प्रति 1000 लड़कों पर 928 लड़कियां हैं (सिक्किम को छोड़कर)।
- उच्चतम: अरुणाचल प्रदेश (1,085); तथा
- सबसे कम: झारखंड (899)।
- जन्म से संबंधित आंकड़े: पंजीकृत जन्मों की संख्या 2022 की तुलना में 0.9% कम हो गई है।
- जन्म के पंजीकरण का स्तर: 98.4% तक।
- शहरी क्षेत्रों में जन्म का पंजीकरण स्तर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है।
- मृत्यु से संबंधित आंकड़े: मृत्यु का पंजीकरण स्तर 2022 की तुलना में 0.1% बढ़ा है।
- मृत्यु के पंजीकरण का स्तर: 97.2% तक।
- ग्रामीण क्षेत्रों में मृत्यु के पंजीकरण का स्तर शहरी क्षेत्रों से अधिक था।
- स्वास्थ्य केंद्रों में जन्म और मृत्यु का स्तर (सिक्किम को छोड़कर): कुल पंजीकृत मृत्यु में 24% स्वास्थ्य केंद्रों में दर्ज की गई जबकि कुल पंजीकृत जन्मों में से 74.7% स्वास्थ्य संस्थानों में हुए।
- 2022 की तुलना में शिशु मृत्यु दर में वृद्धि हुई है।
- 21 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में 100% जन्म पंजीकरण और 19 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में 100% मृत्यु पंजीकरण हुआ है।
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पुरुषों का जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण, महिलाओं की तुलना में अधिक रहा है।

हाल ही में, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने चिल्ड्रेन इन इंडिया 2025 रिपोर्ट का चौथा अंक जारी किया है।
- यह रिपोर्ट बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और संरक्षण आदि पर विवरण प्रदान करती है। इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों और कल्याण में सुधार के लिए सबूत-आधारित नीतियों का मार्गदर्शन करना है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- शिशु मृत्यु दर (IMR): 44 (2011) से घटकर 25 (2023) हो गई है।
- IMR किसी दिए गए वर्ष में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर शिशुओं (1 वर्ष से कम आयु के बच्चों) की मृत्यु की संख्या है।
- पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (Under-Five Mortality Rate: U5MR): 30 (2022) से घटकर 29 (2023) हो गई है।
- इसे किसी दिए गए वर्ष में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर मृत्यु की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। यह किसी बच्चे के पाँच वर्ष की आयु तक पहुँचने से पहले मृत्यु की संभावना है।
- जन्म दर (Birth Rate): यह कम होकर 2023 में प्रति 1,000 जनसंख्या पर 18.4 हो गई; ग्रामीण: 20.3, शहरी: 14.9
- स्कूल छोड़ने की दर (2022-23 से 2024-25):
- प्रारंभिक चरण (Preparatory stage): 8.7% से घटकर 2.3% हो गई है।
- माध्यमिक स्तर (Middle level): 8.1% से घटकर 3.5% हो गई है।
- उच्च माध्यमिक स्तर (Secondary level): 13.8% से घटकर 8.2% हो गई है।
- बाल विवाह (Child Marriage) (20-24 आयु वर्ग की महिलाएं जिनका 18 वर्ष से पहले विवाह हो गया): 26.8% (2015-16) से घटकर 23.3% (2019-21) हो गया है।
- बच्चों को गोद लेने से संबंधित आँकड़े (Adoption Statistics): गोद लेने की कुल संख्या 3,927 (2017-18) से बढ़कर 4,515 (2024-25) हो गई है।
- देश के भीतर गोद लेना (In-country adoptions): 4,155; अन्य देशों के लोगों द्वारा भारत में बच्चों को गोद लेना (Inter-country adoptions): सालाना 360–653।
- लैंगिक समता सूचकांक (Gender Parity Index - GPI): 2024-25 में सभी शैक्षणिक चरणों में समता हासिल की गई है।
Article Sources
1 sourceरिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- वैश्विक तंबाकू उपयोग में गिरावट: वैश्विक स्तर पर तंबाकू का उपयोग करने वाले वयस्कों की संख्या में बड़ी कमी आई है। वर्ष 2010 में यह संख्या 26.2% थी, जो 2024 में घटकर 19.5% रह गई।
- हालांकि, तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में कमी आई है, लेकिन दुनिया भर में प्रत्येक 5 में से 1 वयस्क अभी भी तंबाकू का सेवन करता है।
- ई-सिगरेट की बढ़ती लोकप्रियता: दुनिया भर में 10 करोड़ (100 मिलियन) से अधिक लोग ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं।
भारत की प्रगति और स्थिति
- भारत में तंबाकू उपयोग (2024): वर्ष 2024 में भारत में लगभग 243.48 मिलियन लोग, जिनकी आयु 15 वर्ष या उससे अधिक थी, तंबाकू का सेवन कर रहे थे।
- WHO के NCD लक्ष्य की दिशा में भारत अग्रसर: वर्ष 2010 से 2025 के बीच भारत में तंबाकू उपयोग में लगभग 43% की सापेक्ष कमी होने का अनुमान है, जो बहुत अच्छी प्रगति मानी जा रही है।
- WHO का NCD लक्ष्य: 2025 तक तंबाकू उपयोग में 30% की कमी हासिल करना है।
भारत में तंबाकू उपयोग पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम
- सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003: यह कानून सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाता है तथा 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद बेचे जाने पर रोक लगाता है।
- सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) संशोधन नियम, 2022: इन नियमों के तहत तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर स्वास्थ्य संबंधी सचित्र चेतावनी प्रिंट करने का प्रावधान किया गया है।
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम: यह कार्यक्रम जन-जागरूकता बढ़ाने और तंबाकू उत्पादों के उत्पादन व आपूर्ति को कम करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
- इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) निषेध अधिनियम, 2019 आदि।

Article Sources
1 sourceहाल ही में, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने स्वच्छ शहर जोड़ी (SSJ) पहल शुरू की है।
- इसे स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के तहत लागू किया जाएगा।
SSJ पहल के बारे में:
- यह एक संरचित मेंटरशिप और सहयोगात्मक कार्रवाई कार्यक्रम है। इसमें 72 मेंटर शहर और लगभग 200 मेंटी शहर (जिन्हें मदद मिलेगी) शामिल होंगे।
- अच्छा प्रदर्शन करने वाले मेंटर शहरों के सर्वोत्तम तरीकों को लागू करने में मेंटी शहरों की मदद की जाएगी।
लक्ष्य: इसका लक्ष्य पूरे शहरी भारत में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में ज्ञान और अनुभव साझा करना, सहकर्मी शिक्षण को बढ़ावा देना और सर्वोत्तम तरीकों को बदलना है।