सुर्ख़ियों में क्यों?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक एंटीबायोटिक प्रतिरोध निगरानी रिपोर्ट 2025 जारी की है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- एंटीबायोटिक प्रतिरोध: 2023 में, विश्व भर में लगभग 6 में से 1 जीवाणूजन्य संक्रमण (Bacterial infections) एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं (Bacteria) के कारण हुआ।
- 2018 और 2023 के बीच निगरानी किए गए जीवाणु-दवा संयोजनों (Bacteria-drug combinations) में से 40% से अधिक में एंटीबायोटिक प्रतिरोध बढ़ा है।
- ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया गंभीर खतरा पैदा करते हैं। ये ऐसे रोगजनक हैं जिन्हें नष्ट मुश्किल होता है। चूंकि इनमें कई दवाइयों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। उदाहरण के लिए, एस्चेरिचिया कोलाई (ई.कोलाई)।
- AMR के अधिक मामले वाले क्षेत्र: AMR के सबसे अधिक मामले दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्वी भूमध्य सागर में पाए गए हैं।
- भारत से संबंधित उल्लेख: रक्त-प्रवाह के संक्रमण के लगभग 41% मामले चीन, भारत और पाकिस्तान में दर्ज किए गए।
- निगरानी का बढ़ना: 2016 के बाद से WHO की वैश्विक रोगाणुरोधी प्रतिरोध और उपयोग निगरानी प्रणाली (Global Antimicrobial Resistance and Use Surveillance System: GLASS) में देशों की भागीदारी चार गुना बढ़ गई है।
- GLAAS (2015) रोगाणुरोधी प्रतिरोध की निगरानी करने और विश्व भर में एंटीबायोटिक दवाइयों के सही उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी एक व्यापक वैश्विक प्रणाली है।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) से क्या आशय है?
- AMR वह स्थिति है जिसमें जीवाणु, विषाणु (Virus), कवक (Fungi) और परजीवी उन दवाइयों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं जो उन्हें नष्ट के लिए बनाई गई होती हैं। इसका अर्थ है कि अब उन पर इन दवाइयों का असर नहीं होता है।
- जीवाणु, विषाणु और कवक के वे उपभेद (स्ट्रेन) जो अधिकांश रोगाणुरोधी दवाइयों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, सुपरबग कहलाते हैं।
- दवा प्रतिरोध के कारण, रोगाणुरोधी दवाइयां असरदार नहीं रह जाती हैं और संक्रमणों का इलाज मुश्किल या असंभव हो जाता है। उदाहरण के लिए, बहु-औषधि प्रतिरोधी क्षय-रोग (Multi-Drug-Resistant Tuberculosis: MDR-TB)।
- इससे रोग फैलने, गंभीर बीमारी होने और दिव्यांगता का खतरा बढ़ जाता है और लोगों की मृत्यु भी हो सकती है।
- AMR एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो समय के साथ रोगजनकों में आनुवंशिक परिवर्तनों के कारण होती है।
- हालांकि, मनुष्य से जुड़ी कई गतिविधियों के कारण इसका उद्भव और प्रसार तेजी से होता है।
- WHO ने AMR को विश्व के समक्ष शीर्ष दस स्वास्थ्य खतरों में से एक माना है।
- इसे अक्सर 'मूक महामारी' भी कहा जाता है।
AMR विश्व में लोगों के स्वास्थ्य के लिए ख़तरा क्यों है?
- मृत्यु और रुग्णता: जीवाणूजन्य AMR वर्ष 2019 में 12.7 लाख लोगों की मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार था और वैश्विक स्तर पर लगभग 50 लाख मौतों में इसकी अप्रत्यक्ष भूमिका रही है।
- आर्थिक प्रभाव: प्रतिरोधी रोगाणुओं के संक्रमणों के कारण 2030 तक प्रति वर्ष वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।
- आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के लिए चुनौती: AMR के कारण संक्रमणों का इलाज कठिन होता जा रहा है और सर्जरी जैसी चिकित्सा प्रक्रियाएं भी अधिक जोखिमपूर्ण बन गई हैं।
- खाद्य सुरक्षा के लिए ख़तरा: दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों से पशुओं और पौधों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है, जिससे खेती और पशुधन की उत्पादकता घटती है। इससे खाद्य आपूर्ति पर असर पड़ता है।

AMR से निपटने के लिए उठाए गए कदमभारत में उठाए गए कदम
वैश्विक स्तर पर उठाए गए कदम
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आगे की राह

- एकीकृत उपायों को लागू करना चाहिए: इन उपायों में संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण; स्वच्छ जल, सफाई और स्वच्छता व्यवहार को बढ़ावा देना; टीकाकरण, रोगाणुरोधी दवाइयों का जिम्मेदारी से उपयोग (Antimicrobial stewardship) सुनिश्चित करना और प्रयोगशालाओं की क्षमता को मजबूत करना शामिल हैं।
- 'रोगाणुरोधी दवाइयों का जिम्मेदारी से उपयोग' का उद्देश्य स्वास्थ्य-कर्मियों को शिक्षित और सक्षम बनाना है ताकि वे वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित दिशानिर्देशों के अनुसार रोगाणुरोधी दवाओं की सलाह दें और उपयोग सुनिश्चित करें।
- औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना: सभी फार्मासिस्ट संघों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए और केवल मान्य पर्ची के आधार पर ही एंटीबायोटिक दवाइयां बेचनी चाहिए।
- निगरानी बढ़ाना: विश्वसनीय निगरानी डेटा संग्रह को बढ़ावा देना चाहिए, विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की कम उपलब्ता वाले क्षेत्रों से।
- सही एंटीबायोटिक का चयन: अवेयर/AWaRe की 'वॉच' श्रेणी की एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग कम करें और 'एक्सेस' श्रेणी की एंटीबायोटिक दवाइयों का उपयोग बढ़ाएं।
- अन्य सलाह: कृषि क्षेत्रक और पशु-चिकित्सा में एंटीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक उपयोग को रोकने के लिए नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे का विस्तार करना चाहिए।
निष्कर्ष
रोगाणुरोधी प्रतिरोध विश्व में लोगों के स्वास्थ्य, खाद्य-सुरक्षा और सतत विकास के लिए गंभीर खतरा है। इससे निपटने के लिए वन हेल्थ दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। इस दृष्टिकोण के तहत मानव, पशु और पर्यावरण की स्वास्थ्य समस्याओं से एकीकृत और समन्वित तरीके से निपटने की आवश्यकता है। एंटीबायोटिक दवाओं के संतुलित और जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग, निगरानी प्रणाली को मजबूत करने, और विश्व के देशों और संगठनों से सहयोग को बढ़ावा देने से मौजूदा रोगाणुरोधी दवाइयों की प्रभावशीलता को बनाए रखा जा सकता है। साथ ही आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है।