माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना {Mahi Banswara Rajasthan Atomic Power Project}
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (MBRAPP) की आधारशिला रखी।

- अवस्थिति: माही नदी पर माही बांध के निकट बांसवाड़ा, राजस्थान।
- क्षमता: 4 x 700 MWe PHWR {स्वदेशी प्रेसराइज़्ड हेवी वाटर रिएक्टर (PHWRs) की 4 परमाणु ऊर्जा इकाइयाँ}।
- इसका विकास अणुशक्ति विद्युत निगम (ASHVINI) द्वारा किया जाएगा। यह न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC) का एक संयुक्त उद्यम है।
- यह परियोजना भारत की 'फ्लीट मोड (Fleet mode)' पहल का हिस्सा है।
- इस पहल के तहत, दस एकसमान 700 MW रिएक्टर पूरे भारत में समान डिजाइन और खरीद योजनाओं के तहत बनाए जा रहे हैं।
भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता
- भारत में वर्तमान में 7 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में 24 रिएक्टर हैं। इनकी स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 8180 मेगावाट (MW) है (30 जनवरी, 2025)।
- सरकार ने इसे 2031-32 तक बढ़ाकर 22,480 MW करने की योजना बनाई है।
- 2022-23 में भारत के कुल विद्युत उत्पादन में परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी 3.61% थी। यह इसे पाँचवाँ सबसे बड़ा गैर-जीवाश्म ईंधन विद्युत स्रोत बनाता है।
- भारत वर्तमान में अपने तीन-चरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम (NPP) के पहले चरण में है।
- पहला चरण यूरेनियम-ईंधन वाले PHWRs पर आधारित है।
- दूसरा और तीसरा चरण क्रमशः प्लूटोनियम-ईंधन और थोरियम का उपयोग करके फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (FBRs) पर आधारित हैं।
- Tags :
- Nuclear Power Programme
- Fast Breeder Reactors
प्रथम पूर्ण स्वदेशी 4G (5G-रेडी) नेटवर्क का शुभारंभ {Launch of First Fully Indigenous 4G (5G-Ready) Network}
हाल ही में, BSNL द्वारा भारत का पहला पूरी तरह से स्वदेशी 4G (5G-रेडी) नेटवर्क शुरू किया गया है। इसे C-DOT, तेजस और TCS के बीच सहयोग से विकसित किया गया है।
- यह भारत को 5G को तेज़ी से अपनाने और 6G के लिए आधार तैयार करने हेतु प्रौद्योगिकियों को तुरंत विकसित करने की क्षमता प्रदान करता है।
स्वदेशी 4G स्टैक का महत्व
- सामरिक स्वायत्तता: यह भारत को अपनी दूरसंचार अवसंरचना को खुद से नियंत्रित करने के लिए सशक्त बनाएगा। इससे विदेशी प्रौद्योगिकियों और विदेशी विक्रेताओं पर निर्भरता कम होगी और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- क्लाउड नेटिव: यह नेटवर्क को तेजी से आधुनिक बनाने, क्षमता बढ़ाने और 5G को अपनाने को आसान बनाएगा।
- उपलब्धता में सुधार: यह जनजातीय क्षेत्रों, दूरस्थ गांवों और पहाड़ी क्षेत्रों को बेहतर डिजिटल सेवाएँ प्रदान करके उन्हें लाभ पहुंचा सकता है।
- आपूर्ति श्रृंखला का विकास: देश में ही विनिर्माण और उपयोग रोज़गार पैदा कर रहा है आपूर्ति व्यवस्था में सुधार कर रहा है, और कुशल घरेलू कार्यबल तैयार कर रहा है।
- तकनीकी क्षमता: इसके साथ, भारत अब विश्व स्तर पर उन चुनिंदा पांच राष्ट्रों में से एक बन गया है जिनके पास पूरी तरह से स्वदेशी 4G सेवाएं शुरू करने की क्षमता है।

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- 4G
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