रेयर अर्थ मैगनेट पर चीन के निर्यात नियंत्रण का प्रभाव
चीन से महत्वपूर्ण रेयर अर्थ मैगनेट के आयातक, शिपमेंट में व्यवधान के कारण ऑटोमोबाइल OEMs (मूल उपकरण निर्माता) के साथ अपने आपूर्ति अनुबंधों में “फोर्स मेज्योर क्लॉज (FMC)” लागू करने पर विचार कर रहे हैं।
वर्तमान स्थिति
- 4 अप्रैल से, अमेरिका द्वारा लगाए गए पारस्परिक आयात शुल्क और चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद, लगभग 35 भारतीय आयातकों को मैग्नेट शिपमेंट में देरी का सामना करना पड़ा है या उन्हें चीन के नए निर्यात नियंत्रण नियमों के तहत आयात लाइसेंस नहीं मिले हैं।
- केवल एक औपचारिक अस्वीकृति की सूचना (सोना कॉमस्टार) मिली है, लेकिन फिर से आवेदन करने का विकल्प खुला है। बॉश इंडिया, कॉन्टिनेंटल और माले जैसी अन्य कंपनियाँ भी प्रभावित हैं।
कॉर्पोरेट और कानूनी दृष्टिकोण
- OEM जुर्माने से बचने के लिए दायित्वों को निलंबित करने के बारे में विचार कर रहे हैं।
- सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध OEM को ऐसे कांट्रैक्चुअल एडजस्टमेंट की घोषणा स्टॉक एक्सचेंजों में करनी होगी।
- कानूनी फर्मों ने आयातकों के लिए FMC के माध्यम से कानूनी संरक्षण प्राप्त करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया है, क्योंकि महत्वपूर्ण आपूर्तियां अटकी हुई हैं और विकल्प उपलब्ध नहीं हैं।
FMC की ऐतिहासिक मिसाल
कोविड-19 महामारी के दौरान आपूर्ति शृंखला में व्यवधानों को दूर करने के लिए फोर्स मेज्योर क्लॉज का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था। भारतीय वित्त मंत्रालय ने ऐसी स्थितियों में इसकी उपयोगिता को स्पष्ट किया है। यह क्लॉज भारतीय अनुबंध अधिनियम के तहत महामारी, भूकंप, बाढ़ या नागरिक अशांति जैसी अप्रत्याशित घटनाओं को कवर करता है, जो अनुबंध के निष्पादन को असंभव बना देती हैं।