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दक्षिण भारत से आये सिंहली लोग, प्रवास के बाद आदिवासियों के साथ काफी घुलमिल गये: जीनोम अध्ययन | Current Affairs | Vision IAS

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दक्षिण भारत से आये सिंहली लोग, प्रवास के बाद आदिवासियों के साथ काफी घुलमिल गये: जीनोम अध्ययन

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श्रीलंका में सिंहली और आदिवासियों का आनुवंशिक अध्ययन

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में श्रीलंका के शहरी सिंहली और दो स्वदेशी आदिवासी कुलों के संपूर्ण जीनोम अनुक्रम डेटा का विश्लेषण किया गया है। इससे उनके प्रवासी इतिहास और आनुवंशिक संबंधों, विशेष रूप से भारतीय आबादी के साथ संबंधों के बारे में जानकारी मिली है।

मुख्य निष्कर्षों पर एक नजर

  • सिंहली और आदिवासी आनुवंशिक रूप से एक दूसरे के सबसे करीब होने के साथ-साथ दक्षिण भारतीय भी है। 
  • आदिवासियों में आंतरिक और तटीय कबीलों में आनुवंशिक भिन्नताएं देखने को मिलती हैं। 

प्रवासी इतिहास और भाषाई समानताएँ 

  • सिंहली मूल:
    • पूर्ववर्ती सिद्धांतों के अनुसार यह प्रवास 500 ई.पू. के आसपास उत्तरी भारत से हुआ था।
    • अध्ययन में उत्तरी समूहों की बजाय द्रविड़ भाषी दक्षिण भारतीय आबादी के साथ आनुवंशिक समानताएं पाई गईं हैं।
  • आनुवंशिक-भाषाई विसंगति:
    • सिंहली लोग इंडो-यूरोपीय भाषा बोलते हैं, जो उत्तर भारतीय संबंधों का संकेत देती है, फिर भी आनुवंशिक रूप से वे दक्षिण भारतीयों से मिलते जुलते हैं। 
    • संभावित व्याख्याओं में शामिल हैं: भाषा का प्रसार एक छोटे कुलीन वर्ग द्वारा किया गया हो सकता है। या फिर, ASI (Ancient South Indian) जनसंख्या के साथ आनुवंशिक मिश्रण एक कारण हो सकता है। 

आनुवंशिक विविधता और जनसंख्या का इतिहास

  • प्राचीन वंश:
    • सिंहली और श्रीलंकाई तमिलों की तुलना में आदिवासियों में प्राचीन शिकारी-संग्राहक वंश का स्तर अधिक है। 
    • उनके जीनोम में अंतर्विवाह और कम आनुवंशिक विविधता के संकेत दिखते हैं।
  • जनसंख्या संबंधी गतिशीलता:
    • आंतरिक आदिवासियों की जनसंख्या में तटीय आदिवासियों की तुलना में अधिक कमी देखी गई, जिसका कारण सामाजिक या पर्यावरणीय दबाव था। 

अध्ययन की पद्धति

  • सैंपल का आकार और विश्लेषण:
    • आदिवासी समुदायों के लिए नमूना आकार छोटा था क्योंकि ये समुदाय बिखरे हुए हैं और उनमें आपसी आनुवंशिक संबंध अधिक हैं, जिससे आनुवंशिक विश्लेषण प्रभावित होता है।
    • अध्ययन ने सीमित सैंपल के बावजूद जनसंख्या के इतिहास को प्रभावी ढंग से पुनः प्राप्त किया।

आशय

यह अध्ययन भारत और श्रीलंका के बीच जटिल प्रवासी पैटर्न और आनुवंशिक अंतर्संबंधों को रेखांकित करता है। यह दक्षिण एशिया में बायोलॉजिकल और सांस्कृतिक तत्वों की विविध विकासात्मक दिशाओं को भी रेखांकित करता है। 

  • Tags :
  • Sinhalese
  • Genetic Study
  • Adivasi
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