अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया
शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय वस्तुओं पर 25% का महत्वपूर्ण आयात शुल्क लगाने की घोषणा की, जिससे निर्यात क्षेत्रों, विशेषकर वस्त्र क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी की आशंका बढ़ गई।
भारतीय निर्यात पर प्रभाव
- 7 अगस्त से पहले भेजे गए तथा 5 अक्टूबर तक पहुंचने वाले माल पर आधारभूत 10% टैरिफ लगेगा, जिसमें ऑटोमोबाइल, स्टील और एल्युमीनियम जैसे विशिष्ट क्षेत्र शामिल नहीं होंगे।
- प्रमुख छूटों में फार्मास्यूटिकल दवाएं, अर्धचालक, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा उत्पाद शामिल हैं।
- ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव का अनुमान है कि भारतीय वस्तुओं के निर्यात में 30% की गिरावट आएगी, जो वित्त वर्ष 2025 में 86.5 बिलियन डॉलर से घटकर वित्त वर्ष 2026 में 60.6 बिलियन डॉलर हो जाएगा।
परिधान उद्योग की चिंताएँ
- परिधान निर्यातकों ने 25% टैरिफ के कारण संभावित बड़े पैमाने पर छंटनी की चेतावनी दी है।
- कपड़ा और परिधान उद्योग भारत का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजनकर्ता है।
- भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) ने कच्चे माल के प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
- जनवरी और मई 2025 के बीच अमेरिका को भारत का कपड़ा निर्यात 4.59 बिलियन डॉलर का था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% अधिक है।
रत्न और आभूषण क्षेत्र पर प्रभाव
- रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) को विशेषकर कम मार्जिन के कारण खुले हीरे के बाजार में चुनौतियों का अनुमान है।
- भारत के कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात का 30% (10 बिलियन डॉलर मूल्य का) अमेरिका को जाता है।