जीएसटी और एमपीलैड योजना
सरकार ने स्पष्ट किया है कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीलैड) योजना निधि के उपयोग पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) माफ करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल नहीं है। इस निर्णय से संसदीय समिति को अवगत करा दिया गया है, जिसने योजना की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए GST हटाने की सिफारिश की थी।
- एमपीलैड योजना के तहत किये जाने वाले कार्यों पर 18% तक का जीएसटी लगाया जाता है।
- जीएसटी दरें और छूट जीएसटी परिषद, जो एक वैधानिक निकाय है, द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
- सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के अनुसार, एमपीलैड निधि को GST से छूट देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
संसदीय पैनल की सिफारिशें
- पैनल ने सुझाव दिया था कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के लिए एक प्रस्ताव तैयार करे, ताकि एमपीलैड फंड से GST माफ किया जा सके, ताकि इस योजना की प्रभावशीलता में सुधार हो सके।
- इस योजना पर GST के तहत भारी कर लगाए जाने के बारे में चिंता व्यक्त की गई, जिससे इसका प्रभाव कम हो जाएगा।
योजना आवंटन और संभावित सुधार
- पैनल ने मुद्रास्फीति और संधारणीय सामुदायिक परिसंपत्तियों की आवश्यकता का हवाला देते हुए प्रति सदस्य वार्षिक आवंटन को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाने के बारे में पूछताछ की।
- मंत्रालय ने पुष्टि की है कि यह योजना 2025-26 तक स्वीकृत है, तथा भविष्य में इसका विस्तार मूल्यांकन और हितधारक परामर्श के अधीन होगा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली (NSS) में सुधार
मंत्रालय ने राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली (NSS) में चल रहे सुधारों पर ज़ोर दिया, जिसका उद्देश्य आँकड़ों की सटीकता और दक्षता में सुधार लाना है। इसमें शामिल हैं:
- गणितीय रूप से मान्य वैज्ञानिक सर्वेक्षण डिजाइनों का उपयोग करना।
- 100% डिजिटल डेटा संग्रहण को लागू करना।
- सुदृढ़ ऑनलाइन जांच और डेटा सफाई सुनिश्चित करना।
- एक साथ कई सर्वेक्षण करने और बिना देरी के परिणाम प्रकाशित करने की क्षमता।