समुद्री माल परिवहन विधेयक, 2025 और व्यापारिक नौवहन विधेयक, 2024
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के चल रहे विरोध के बीच, राज्यसभा ने 6 अगस्त, 2025 को समुद्री माल परिवहन विधेयक, 2025 पारित कर दिया है। इसके साथ ही, लोकसभा ने मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024 को भी मंज़ूरी दे दी।
विधायी विकास
- विरोध के बावजूद समुद्र द्वारा माल परिवहन विधेयक, 2025 राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया।
- मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024 का उद्देश्य पुराने मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 को प्रतिस्थापित करना है।
मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024 की विशेषताएं
- यह प्रगतिशील, भविष्य के लिए तैयार कानून है, जो भारत को वैश्विक समुद्री मानकों के अनुरूप बनाता है।
- यह विधेयक भारत के समुद्री कानूनी ढांचे का आधुनिकीकरण करता है।
- इसका उद्देश्य समुद्र में सुरक्षा बढ़ाना, आपातकालीन प्रतिक्रिया में सुधार करना और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करना है।
- इस विधेयक का उद्देश्य अनुपालन बोझ को कम करना, भारतीय टन भार को बढ़ावा देना तथा नाविक कल्याण और जहाज सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।
- इसका उद्देश्य भारत को समुद्री व्यापार और प्रशासन में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।
समुद्री माल परिवहन विधेयक, 2025 की विशेषताएँ
- यह विधेयक भारतीय समुद्री माल परिवहन अधिनियम, 1925 को निरस्त करता है तथा हेग-विस्बी नियमों को अपनाता है।
- यह भारत को यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों द्वारा अपनाए जाने वाले वैश्विक समुद्री मानकों के अनुरूप लाता है।
- इस कानून का उद्देश्य समुद्री व्यापार कानूनों को सरल बनाना, मुकदमेबाजी के जोखिम को कम करना, तथा समुद्र के रास्ते माल की आवाजाही में पारदर्शिता और वाणिज्यिक दक्षता को बढ़ाना है।
केंद्रीय मंत्रियों के वक्तव्य
केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024, भारत को समुद्री व्यापार में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।