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भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए व्यापक भूमि सुधार आवश्यक: CII | Current Affairs | Vision IAS

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भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए व्यापक भूमि सुधार आवश्यक: CII

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भारत में व्यापक भूमि सुधार 

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के उद्देश्य से भूमि सुधारों का एक व्यापक प्रस्ताव रखा है। ये सुधार GST परिषद की तरह एक समन्वित, सर्वसम्मति से संचालित दृष्टिकोण बनाने पर केंद्रित हैं। 

CII द्वारा प्रमुख प्रस्ताव 

  • GST जैसी परिषद का गठन: इसका उद्देश्य राज्यों में समन्वित और सर्वसम्मति आधारित भूमि सुधार करना है। 
  • एक समान स्टाम्प ड्यूटी दरें: निवेश प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए पूरे देश में 3 से 5% की मानकीकृत दर का सुझाव दिया गया है। 
  • एकीकृत भूमि प्राधिकरण: भूमि संबंधी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए राज्य स्तरीय प्राधिकरणों की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है।
  • डिजिटलीकरण:
    • भूमि रूपांतरण प्रक्रिया का पूर्ण डिजिटलीकरण
    • पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाणपत्रों और QR कोड-सक्षम सत्यापन का उपयोग। 
  • निर्णायक स्वामित्व प्रणाली: राज्यों से मुकदमेबाजी के जोखिम को कम करने के लिए स्पष्ट भूमि स्वामित्व सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है। 

सुधारों के पीछे तर्क

  • एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत का आकर्षण स्थिर नीतिगत ढांचे, बड़े घरेलू बाजार और युवा कार्यबल से बढ़ा है। 
  • हालाँकि, संरक्षणवाद और व्यापार युद्ध जैसी चुनौतियाँ आर्थिक विकास के लिए व्यापक भूमि सुधारों को महत्वपूर्ण बनाती हैं।

चुनौतियाँ और सिफारिशें 

  • भारत औद्योगिक भूमि बैंक (IILB): वर्तमान में यह एक सूचना उपकरण के रूप में कार्य करता है, लेकिन एकल डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से भूमि आवंटन की सुविधा के लिए इसे राष्ट्रीय भूमि बैंक के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। 
  • प्राधिकारियों की बहुलता: CII आवंटन, रूपांतरण और विवाद समाधान को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए एकीकृत प्राधिकारियों का सुझाव देता है। 
  • स्टाम्प ड्यूटी परिवर्तनशीलता: राज्यों में उच्च और असंगत दरें निवेशकों के लिए लागत और अनिश्चितता बढ़ाती हैं। 

प्रस्तावित सुधारों के प्रभाव 

एक मजबूत भूमि सुधार रणनीति भारत के विनिर्माण क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दे सकती है, निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकती है, ग्रामीण विकास की संभावनाओं को खोल सकती है तथा समावेशी आर्थिक विकास को गति दे सकती है। 

  • Tags :
  • Land Reforms in India
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