संशोधित आयकर विधेयक, 2025
11 अगस्त, 2025 को लोकसभा ने विपक्ष के विरोध के बीच बिना किसी बहस के संशोधित आयकर विधेयक, 2025 पारित कर दिया। इस विधेयक का उद्देश्य मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 को सरल, युक्तिसंगत और संक्षिप्त बनाना है। साथ ही, आयकर अधिकारियों की शक्तियों का विस्तार किया जाएगा।
संशोधित विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- विधेयक में शब्दों की संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.59 लाख कर दी गई है।
- अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है।
- अनुभागों की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी गई है।
- अधिक स्पष्टता के लिए तालिकाओं की संख्या 18 से बढ़ाकर 57 तथा सूत्रों की संख्या 6 से बढ़ाकर 46 कर दी गई है।
- तलाशी अभियान के दौरान अधिकारियों को व्यक्तिगत ईमेल और सोशल मीडिया खातों तक पहुंच का अधिकार देता है।
- यदि एक्सेस कोड उपलब्ध नहीं कराया गया है तो अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए एक्सेस कोड को ओवरराइड करने की अनुमति देता है।
समिति की सिफारिशें और संशोधन
- फरवरी में प्रस्तुत विधेयक के प्रारंभिक संस्करण की समीक्षा एक प्रवर समिति द्वारा की गई थी।
- सरकार ने समिति की सिफारिशों को 11 अगस्त, 2025 को प्रस्तुत अपडेटेड विधेयक में शामिल कर लिया।
विवादास्पद प्रावधान
- इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के धारक व्यक्तियों को एक्सेस कोड प्रदान करके अधिकारियों की सहायता करने की आवश्यकता होती है।
- औचित्य: समिति का तर्क है कि अपराध सिद्ध करने वाले साक्ष्य प्रायः इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड में पाए जाते हैं।
- असहमति: ये प्रावधान निजता के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।