स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली पर प्रधानमंत्री की घोषणा
15 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली के लाल किले में 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री ने एक स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली की योजना का अनावरण किया, जिसका लक्ष्य 2035 तक चालू होना है । भगवान कृष्ण की पौराणिक ढाल के सम्मान में 'सुदर्शन चक्र' नामक इस पहल का उद्देश्य न केवल खतरों को बेअसर करना है, बल्कि मजबूत पलटवार को भी सक्षम बनाना है।
घोषणा के मुख्य बिंदु
- समयरेखा और विजन:
- इस प्रणाली के 2035 तक पूर्णतः विकसित होकर चालू हो जाने की आशा है।
- इससे अस्पतालों, रेलवे और आस्था के केन्द्रों जैसे रणनीतिक और नागरिक क्षेत्रों की व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- सुरक्षा कवरेज बढ़ने से प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित महसूस होना चाहिए।
- तकनीकी श्रेष्ठता:
- इसका लक्ष्य किसी भी हमलावर तकनीक की तुलना में बेहतर तकनीक हासिल करना है।
- इसका उद्देश्य भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र से प्रेरित राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है।
- वर्तमान रक्षा क्षमताएं:
- भारत वर्तमान में रूस द्वारा विकसित तीन एस-400 मिसाइल प्रणालियों का संचालन करता है।
- ये प्रणालियाँ पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण थीं, विशेषकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान।
- भारत की एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) ने पाकिस्तान पर हवाई श्रेष्ठता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह घोषणा भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने तथा उन्नत प्रौद्योगिकी उपायों के माध्यम से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।