GST सुधार और घोषणाएँ
प्रधान मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में अगली पीढ़ी के सुधारों की घोषणा की, जिसका उद्देश्य छोटे और बड़े, दोनों तरह के व्यवसायों को लाभ पहुँचाना है। इस सुधार से, खासकर दैनिक उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों को युक्तिसंगत और कम करने की उम्मीद है।
GST व्यवस्था सुधारों के लिए सुझाव
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर प्रतिबंध हटाएं:
- ITC उपलब्ध होनी चाहिए, चाहे प्राप्तकर्ता ने आपूर्तिकर्ता को भुगतान किया हो या नहीं।
- ITC प्राप्त करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जानी चाहिए।
- मोटर वाहनों और व्यवसाय के लिए प्रयुक्त अचल संपत्तियों के निर्माण के लिए ITC की अनुमति दी जाए।
- निर्यात आय की प्राप्ति न होने के कारण निर्यात पर GST की वापसी से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।
- आवेदन पर अप्रयुक्त ITC की तत्काल इलेक्ट्रॉनिक वापसी प्रदान की जानी चाहिए।
- सीमा शुल्क पोर्टल के माध्यम से भुगतान किया गया एकीकृत GST, GST इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में स्वतः अपडेट हो जाना चाहिए।
विशेषज्ञों की सिफारिशें
- अग्रिम निर्णयों के लिए एक स्वतंत्र निकाय की स्थापना करना।
- प्रमुख मुकदमेबाजी मुद्दों को प्राथमिकता देना और GST न्यायाधिकरणों को तेजी से क्रियाशील बनाना।
- इसी प्रकार के लंबित मुकदमों के शीघ्र निपटारे के लिए न्यायाधिकरणों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जाना चाहिए।
- तुच्छ मुकदमेबाजी और कारण बताओ नोटिस से बचना।
- केंद्रीय और राज्य GST का विश्लेषण बैकएंड प्रक्रिया होनी चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार रुख
प्रधान मंत्री ने भारत की आत्मनिर्भरता पर ज़ोर दिया और अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए उच्च शुल्कों का सीधे तौर पर ज़िक्र नहीं किया। हालाँकि, प्रधान मंत्री ने आश्वासन दिया कि किसानों, पशुपालकों, मछुआरों और छोटे व्यवसायों के हितों की अनुचित माँगों के विरुद्ध रक्षा की जाएगी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उनके दृढ़ रुख का संकेत मिलता है।