हिमाचल प्रदेश में हिम तेंदुओं की संख्या का अनुमान
हिमाचल प्रदेश वन विभाग की वन्यजीव शाखा द्वारा हाल ही में किए गए आकलनों से पता चला है कि हिम तेंदुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2021 में 51 से बढ़कर 83 हो गई है, जिसमें शावक शामिल नहीं हैं। यह वन्यजीव निगरानी में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
सर्वेक्षण विवरण
- यह सर्वेक्षण प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन (NCF) के सहयोग से एक वर्ष के भीतर पूरा किया गया।
- हिमाचल प्रदेश दुर्लभ हिम तेंदुए की जनसंख्या का आकलन करने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया है।
- स्पीति घाटी, किन्नौर, पांगी, लाहौल और ग्रेटर नेशनल हिमालयन पार्क (GNHP) जैसे क्षेत्रों में 26,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 271 कैमरा ट्रैप लगाए गए।
महत्वपूर्ण निष्कर्ष
- किन्नौर में पल्लास कैट को पहली बार आधिकारिक तौर पर देखा गया।
- लाहौल में वूली फ्लाइंग स्क्वेरल की पुनः खोज।
- हिम तेंदुओं का घनत्व प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में 0.16 से 0.53 तक है, जिसमें स्पीति और पिन घाटी में घनत्व सबसे अधिक है।
- इनमें से कई का पता किब्बर वन्यजीव अभयारण्य और ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क जैसे संरक्षित क्षेत्रों के बाहर चला गया।
सामुदायिक भागीदारी और संरक्षण
स्थानीय समुदायों ने सर्वेक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समुदाय-संचालित संरक्षण पहलों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। किब्बर की एक स्वदेशी महिला टीम ने डेटा विश्लेषण में भाग लिया, जो समावेशी संरक्षण में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
अतिरिक्त वन्यजीव डेटा
सर्वेक्षणों से नीली भेड़, हिमालयन आइबेक्स और कस्तूरी मृग जैसे अन्य स्तनधारियों के बारे में जानकारी मिली। हिमालयन भेड़िये और भूरे भालू जैसी प्रजातियों के लिए भी नए रिकॉर्ड अपडेट किए गए।
निहितार्थ और भविष्य की दिशाएँ
यह सर्वेक्षण भविष्य की निगरानी के लिए एक मज़बूत आधार रेखा स्थापित करता है और अन्य राज्यों के लिए एक खाका तैयार कर सकता है। हिमाचल प्रदेश का मॉडल हिम तेंदुओं और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी के लिए एक मापनीय और लागत-प्रभावी दृष्टिकोण प्रदान करता है।