भारत अपने सबसे बड़े संकटों में से एक का सामना कर रहा है: शिक्षित लोगों की बेरोजगारी | Current Affairs | Vision IAS

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भारत अपने सबसे बड़े संकटों में से एक का सामना कर रहा है: शिक्षित लोगों की बेरोजगारी

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भारत में बेरोजगारी संकट

इस आलेख में बेरोजगारी के ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा की गई है, विशेष रूप से भारत में शिक्षित आबादी के बीच, तथा इसके सामाजिक-आर्थिक निहितार्थों और सांख्यिकीय अंतर्दृष्टि पर प्रकाश डाला गया है।

संदर्भ और पृष्ठभूमि

  • चुनावी चर्चाएँ: चुनावी बहसों में अक्सर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और जातिगत समीकरण जैसे मुद्दों के आगे दब जाती है।
  • व्यक्तिगत विवरण: बीटेक स्नातक गौतम शर्मा को एक फर्म में अपनी प्रारंभिक नौकरी की तुलना में राइड-हेलिंग ड्राइवर के रूप में अधिक आय मिलती है।

समस्या का पैमाना

  • शिक्षित लोगों में बेरोजगारी:
    • 2017 में, राजस्थान में 18 चपरासी पदों के लिए इंजीनियरों और वकीलों सहित 12,000 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।
    • 2024 में, 46,000 स्नातकों ने हरियाणा में संविदात्मक स्वच्छता नौकरियों के लिए आवेदन किया।
    • 2024 में पांच में से दो IIT स्नातकों को प्लेसमेंट नहीं मिला।
  • महिला बेरोजगारी: पांच में से एक शिक्षित महिला बेरोजगार है।

रोजगार के रुझान और आँकड़े

  • कार्यबल में प्रवेश: प्रतिवर्ष 70-80 लाख युवा कार्यबल में शामिल होते हैं, जिन्हें नौकरी की कमी का सामना करना पड़ता है।
  • कॉर्पोरेट नौकरियों में कटौती: वित्त वर्ष 2024 में प्रमुख IT कंपनियों द्वारा 64,000 से अधिक नौकरियों में कटौती की गई।
  • इंटर्नशिप की कमी: पीएम इंटर्नशिप योजना की सफलता दर कम है, जिसमें 5% से भी कम लोग इंटर्नशिप प्राप्त कर पाते हैं।

बेरोजगारी के आंकड़े और वेतन में स्थिरता

  • बेरोजगारी दर: केंद्र सरकार का अनुमान है कि यह दर 4-6% होगी; हालांकि, कुछ सर्वेक्षणों से पता चलता है कि यह दर कम बताई गई है।
  • आंकड़ों में विसंगति: PLFS द्वारा प्रति सप्ताह एक घंटे के काम को रोजगार के रूप में गिनने से आंकड़े गलत हो जाते हैं।
  • स्थिर वेतन: नए स्नातकों का वेतन 3-4 लाख रुपये प्रति वर्ष बना हुआ है; प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि धीमी है।
  • क्षेत्रवार वृद्धि:
    • IT: 4% CAGR
    • बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ: 2.8% CAGR
    • इंजीनियरिंग और विनिर्माण: 0.8% CAGR

सामाजिक प्रभाव

  • आत्महत्या दर: 2023 में, दैनिक आत्महत्याओं में 34 निजी क्षेत्र के कर्मचारी और 39 बेरोजगार व्यक्ति शामिल होंगे।

निष्कर्ष

इस लेख में शिक्षित भारतीयों में बेरोजगारी के गंभीर संकट और उसके सामाजिक-आर्थिक परिणामों को रेखांकित किया गया है तथा इस महत्वपूर्ण मुद्दे को पहचानने और उसका समाधान करने का आग्रह किया गया है।

  • Tags :
  • Unemployment Crisis in India
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