कार्बन डाइऑक्साइड का रिकॉर्ड उच्च स्तर
संयुक्त राष्ट्र मौसम एजेंसी ने बताया है कि वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष में नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, यह जलवायु परिवर्तन और चरम मौसमी घटनाओं में योगदान दे रहा है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के प्रमुख निष्कर्ष
- CO2 वृद्धि दर: 1960 के दशक से कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि दर तीन गुनी हो गई है।
- मानवजनित प्रभाव: मानवीय गतिविधियों और जंगली आग से होने वाले उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन को और अधिक गंभीर बना रहे हैं।
- ऐतिहासिक मापन: 2023 से 2024 तक CO2 में हुई वृद्धि, 1957 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से उच्चतम वार्षिक स्तर को दर्शाती है।
जलवायु और पर्यावरणीय प्रभाव
- जलवायु परिवर्तन को गति मिलना: CO2 और अन्य ग्रीनहाउस गैसों द्वारा अवशोषित ऊष्मा जलवायु परिवर्तन को तीव्र कर रही है, जिससे अधिक गंभीर मौसमी घटनाएँ हो रही हैं।
- भविष्य के निहितार्थ: यह वृद्धि ग्रह को दीर्घकालिक तापमान वृद्धि के पथ पर स्थापित करती है।
- अन्य ग्रीनहाउस गैसें: मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड, जो मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती हैं, भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई हैं।
WMO के वक्तव्य
विश्व मौसम संगठन के उप महासचिव ने इस बात पर जोर दिया"उत्सर्जन में कमी लाना न केवल हमारी जलवायु के लिए बल्कि हमारी आर्थिक सुरक्षा और सामुदायिक कल्याण के लिए भी आवश्यक है।"