भारतीय मूल के STEM संकाय को आकर्षित करने की सरकारी योजना
एक हालिया रिपोर्ट में भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए ट्रम्प प्रशासन के तहत अमेरिकी नीतियों में बदलाव का लाभ उठाते हुए विदेश से STEM में भारतीय मूल के संकाय को आकर्षित करने की सरकार की पहल पर प्रकाश डाला गया है।
प्रोत्साहन और चुनौतियाँ
- प्रोत्साहन :
- IIT जैसे प्रमुख संस्थानों में पद।
- अनुसंधान अवसंरचना के लिए पर्याप्त अनुदान।
- पिछली अल्पकालिक योजनाओं की तुलना में दीर्घकालिक जुड़ाव।
- चुनौतियाँ :
- खरीद और प्रशासन में नौकरशाही बाधाएं।
- भारतीय संस्थाओं के प्रति सांस्कृतिक समायोजन।
- अमेरिका की तुलना में भारत में वेतनमान और रहन-सहन की स्थिति कम है।
- विभेदकारी व्यवहार के कारण मौजूदा कर्मचारियों के मनोबल पर प्रभाव।
अंतर्राष्ट्रीय तुलना
- चीन की हज़ार प्रतिभा योजना :
- भव्य अनुदान, आवास और आसान वीज़ा प्रक्रिया प्रदान करता है।
- स्थानीय वैज्ञानिकों के बीच भी इसी तरह की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
- भारत (0.65%) की तुलना में विश्व स्तरीय संस्थानों की संख्या अधिक है तथा अनुसंधान एवं विकास पर अधिक व्यय (जीडीपी का 2.7%) है।
भारत के लिए सिफारिशें
- अनुसंधान एवं विकास व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि करें।
- "अनुसंधान में सुगमता" संबंधी विनियमों को लागू करना।
- वैज्ञानिक संस्थानों, विशेषकर विश्वविद्यालयों का विस्तार एवं सुधार करना।
- वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण हेतु प्रतिबद्ध होना।
यदि इन कदमों को क्रियान्वित किया गया तो भारत वापस लौटने वाले NRI वैज्ञानिकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन सकता है तथा एक वैज्ञानिक महाशक्ति के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हो सकती है।