चुनावों में AI-जनित सामग्री के उपयोग पर सलाह
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 24 अक्टूबर, 2025 को होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले कृत्रिम रूप से उत्पन्न और AI-जनित सामग्री के जिम्मेदार उपयोग के संबंध में राजनीतिक दलों को एक सलाह जारी की।
चुनाव आयोग द्वारा उठाई गई चिंताएँ
- अति यथार्थवादी कृत्रिम रूप से सृजित विषय-वस्तु का दुरुपयोग, विशेष रूप से चुनावी दृष्टि से संवेदनशील संदेशों में राजनीतिक नेताओं के साथ, निष्पक्ष चुनावी स्थितियों को बाधित कर रहा है।
- प्रौद्योगिकी की सूचना को बदलने और प्रकाशित करने की क्षमता, सत्य के रूप में प्रस्तुत होकर तथा राजनीतिक हितधारकों को गुमराह करके खतरा पैदा करती है।
AI-जनित सामग्री पर दिशा-निर्देश
- ECI ने इससे पहले मई में सोशल मीडिया के नैतिक उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे और जनवरी 2025 में सिंथेटिक सामग्री को लेबल करने के संबंध में एक परामर्श जारी किया था।
- राजनीतिक दलों को AI द्वारा परिवर्तित छवियों, ऑडियो या वीडियो को "AI-जनरेटेड" या "सिंथेटिक सामग्री" जैसे टैग के साथ लेबल करना होगा, जो दृश्य क्षेत्र या अवधि के कम से कम 10% को कवर करेगा।
- वीडियो सामग्री के लेबल स्क्रीन के शीर्ष भाग पर होने चाहिए।
- सामग्री में मेटाडेटा या कैप्शन में जिम्मेदार इकाई का नाम अवश्य दर्शाया जाना चाहिए।
- बिना सहमति के गैरकानूनी या भ्रामक सामग्री प्रकाशित नहीं की जानी चाहिए।
अनुपालन न करने पर कार्रवाई
- आधिकारिक पार्टी हैंडल पर गलत सूचना के साथ कृत्रिम रूप से तैयार की गई सामग्री का पता लगने या रिपोर्ट किए जाने के तीन घंटे के भीतर उसे हटा दिया जाना चाहिए।
- राजनीतिक दलों को ECI सत्यापन के लिए निर्माता विवरण और टाइमस्टैम्प सहित सभी AI-जनित सामग्रियों का रिकॉर्ड बनाए रखना आवश्यक है।
 
    