एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दवाइयां {ANTI-RETROVIRAL THERAPY (ART) DRUGS} | Current Affairs | Vision IAS
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एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दवाइयां {ANTI-RETROVIRAL THERAPY (ART) DRUGS}

Posted 02 May 2025

Updated 08 May 2025

17 min read

सुर्ख़ियों में क्यों? 

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को HIV/AIDS (PLHIV) से पीड़ित रोगियों के लिए एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दवाओं की आपूर्ति और खरीद में आ रही समस्याओं पर जवाब देने का निर्देश दिया है।

एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दवाइयां क्या होती हैं?

  • ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) से संक्रमित रोगी का इजाल एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) से किया जाता है, जिसमें रोगी को एंटी-HIV दवाइयां दी जाती हैं।
  • ART का मुख्य उद्देश्य शरीर में वायरस की मात्रा या प्रभाव को बहुत कम स्तर (अनडिटेक्टेबल) तक लाना है, जिससे HIV के फैलने का खतरा काफी कम हो जाता है।
    • इसे "अनडिटेक्टेबल=अनट्रांसमिटेबल" (U=U) कहा जाता है।
  • ART में आमतौर पर 2 से 4 दवाइयों का संयोजन दिया जाता है, जो HIV को अधिक प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में मदद करता है। इसे हाइली एक्टिव एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (HAART) भी कहा जाता है।
    • उदाहरण: TLD टैबलेट (टेनोफोविर, लैमिवुडिन, और डोल्यूटेग्राविर)।
  • यहां यह समझना जरूरी है कि एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी HIV का इलाज नहीं है, लेकिन यह HIV से संक्रमित लोगों को लंबे और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकता है।
  • भारत में ART दवाओं का प्रबंधन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) द्वारा किया जाता है, जो इनकी खरीद, वितरण और विनियमन की प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है।
    • NACO द्वारा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) लागू किया गया है।

HIV/AIDS के बारे में

  • HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस): यह एक वायरस है जो शरीर की इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और खासतौर पर CD4 कोशिकाओं (T कोशिकाओं) को नष्ट करता है। ये कोशिकाएं शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।
  • AIDS (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम): यह HIV संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर चरण है। इसमें इम्यून सिस्टम इतनी कमजोर हो जाती है कि वह जीवन-धातक संक्रमणों से नहीं लड़ पाती है।
    • हर HIV संक्रमित व्यक्ति को AIDS हो जाए, यह जरूरी नहीं है, खासकर जब समय पर सही इलाज और देखभाल मिल रही हो।
  • संक्रमण: HIV वस्तुतः संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों के सीधे संपर्क से फैलता है, जैसे- असुरक्षित यौन संपर्क, ब्लड-टू-ब्लड संपर्क, संक्रमित माँ से बच्चे में संक्रमण फैलना, आदि।
  • भारत में स्थिति:
    • हाल ही में प्रकाशित इंडिया HIV अनुमान 2023 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2.5 मिलियन से अधिक लोग HIV से पीड़ित हैं।
    • देश के पूर्वोत्तर राज्यों में युवा आबादी HIV से सबसे अधिक पीड़ित है (मिजोरम में 2.70%, नागालैंड में 1.36%, मणिपुर में 1.05%)।
    • आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में HIV संक्रमण की दर अधिक है। इन राज्यों में देश के कुल HIV संक्रमित रोगियों में से लगभग 55% पाए जाते हैं।

उठाए गए कदम

  • वैश्विक स्तर पर किए गए प्रयास:
    • UNAIDS 95-95-95 लक्ष्य (2030 तक):
      • 95% लोग जो HIV से संक्रमित हैं, उन्हें अपनी बीमारी की स्थिति के बारे में पता होना चाहिए।
      • 95% लोग जिन्हें HIV का पता चला है, उन्हें एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) उपलब्ध कराना चाहिए।
      • 95% लोग जो ART प्राप्त कर रहे हैं, उनमें वायरस के स्तर को कम-से-कम करना चाहिए।
    • एड्स, टीबी और मलेरिया से लड़ने के लिए वैश्विक कोष: यह विकासशील देशों में HIV/ AIDS, टी.बी. (तपेदिक) और मलेरिया रोकथाम संबंधी कार्यक्रमों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • भारत में किए गए प्रयास:
    • राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP): इसे 1992 में शुरू किया गया था और वर्तमान में इसका पांचवां चरण (NACP-V) चल रहा है, जिसकी अवधि 2021-2026 तक है।
    • नि:शुल्क ART उपचार और देखभाल: भारत में 700+ ART केंद्रों के माध्यम से पूरे देश में नि:शुल्क ART दवाइयां प्रदान की जाती है।
    • कानूनी संरक्षण: HIV/ AIDS (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 HIV से संक्रमित सभी व्यक्तियों के लिए नि:शुल्क ART की व्यवस्था करना अनिवार्य करता है।
  • Tags :
  • एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी
  • AIDS
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