सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की उच्च स्तरीय बैठक में ग्लोबल लीडर्स ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) पर एक राजनीतिक घोषणा-पत्र को मंजूरी दी है।

अन्य संबंधित तथ्य
- इस घोषणा-पत्र में 2030 तक जीवाणु-जनित AMR से होने वाली अनुमानित 4.95 मिलियन वार्षिक मौतों को 10% तक कम करने के लिए स्पष्ट कार्य योजनाएं और लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
- AMR से निपटने के लिए, देश को न केवल स्थायी वित्तीय सहायता, बल्कि अतिरिक्त 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के वित्त-पोषण का भी आह्वान किया गया है।
- इस घोषणा-पत्र में निम्नलिखित का आह्वान किया गया है:
- 2030 तक के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैश्विक बहुक्षेत्रीय कार्रवाई की आवश्यकता है।
- मानव स्वास्थ्य पर: वैश्विक स्तर पर मानव स्वास्थ्य के लिए उपयोग किए जाने वाले कम-से-कम 70% एंटीबायोटिक्स WHO एक्सेस समूह एंटीबायोटिक्स से होने चाहिए।
- कृषि और पशु स्वास्थ्य पर: 2030 तक कृषि-खाद्य प्रणालियों में वैश्विक स्तर पर प्रयुक्त रोगाणुरोधी दवाओं की मात्रा को सार्थक रूप से कम करना।
- पर्यावरण पर: पर्यावरण में रोगाणुरोधी के पहुंचने को रोकने और उसका समाधान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) क्या है?
- AMR एक ऐसी स्थिति है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी जैसे सूक्ष्मजीव अपने में इस तरह से बदलाव कर लेते हैं कि उनके कारण होने वाले संक्रमण को ठीक करने के लिए प्रयुक्त दवाएं अप्रभावी हो जाती हैं।
- AMR के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारक:
- औषधि विनिर्माण: एंटीबायोटिक दवाओं के लिए एक्टिव फ़ार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट (API) के उत्पादन से उत्पन्न औद्योगिक अपशिष्ट।
- कृषि: पशुधन, जलीय कृषि आदि क्षेत्रों में विकास के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग।
- स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं: अप्रयुक्त दवाओं, रोगी के मल, तथा एक्सपायरी दवाओं का अनुचित प्रबंधन एवं निपटान।
- अपशिष्ट प्रबंधन: लैंडफिल लीचेट, अनुपचारित अपशिष्ट जल और सीवेज बहिःस्राव।

AMR एक वैश्विक स्वास्थ्य खतरा क्यों है?
- आर्थिक लागत: विश्व बैंक का अनुमान है कि AMR के कारण 2050 तक स्वास्थ्य देखभाल पर 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त लागत आएगी।
- दवा प्रतिरोधी संक्रमण पशुओं और पादपों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं, कृषि उत्पादकता को कम करते हैं तथा खाद्य सुरक्षा को खतरा पहुंचाते हैं।
- आधुनिक चिकित्सा के लिए खतरे: इससे संक्रमणों का इलाज कठिन हो जाता है तथा अन्य चिकित्सा प्रक्रियाएं और उपचार, जैसे- सर्जरी, सिजेरियन सेक्शन और कैंसर कीमोथेरेपी अधिक जोखिमपूर्ण हो जाते हैं।
- व्यापक पर्यावरणीय संदूषण: एंटीबायोटिक दवाओं के अनुचित निपटान से पर्यावरणीय संदूषण होता है, जिससे प्रतिरोधी जीन के भंडार का निर्माण होता है।
- सुभेद्य आबादी पर प्रभाव: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति, बुजुर्ग और बच्चे विशेष रूप से AMR-संबंधित संक्रमणों के प्रति संवेदनशील होते हैं।
- दवा संबंधी विकल्पों के लिए सीमित अनुसंधान एवं विकास: प्रतिरोध के बढ़ते स्तर को देखते हुए वैकल्पिक उपचारों के लिए शुरुआती अनुसंधान एवं विकास अपर्याप्त है।
आगे की राह
- एंटीबायोटिक विनिर्माण से निकलने वाले अपशिष्ट जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर WHO के मार्गदर्शन को लागू करना: यह फार्मास्यूटिकल विनिर्माण से तरल अपशिष्ट, ठोस अपशिष्ट और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) के लिए लक्ष्य निर्धारित करता है। यह निम्नलिखित सिफारिशें भी करता है-
- आंतरिक लेखापरीक्षा और सार्वजनिक संचार के साथ-साथ खतरा विश्लेषण जैसे स्थापित टूल्स का उपयोग करना।
- जोखिम प्रबंधन योजनाओं के ठोस कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना तथा लक्ष्यों के अनुरूप परफॉरमेंस को सत्यापित करने के लिए बाह्य लेखापरीक्षा और प्रमाणन कराना।
- वन हेल्थ एप्रोच: मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को पहचानना और समग्र रूप से AMR का समाधान करना।
- विनियमनों को मजबूत बनाना: पर्यावरण (संरक्षण) संशोधन नियम, 2019 औषधि उत्पादन इकाइयों से निकलने वाले उपचारित अपशिष्टों में 121 एंटीबायोटिक दवाओं के अवशिष्टों पर कठोर सीमाएं लगाता है। इस अधिनियम को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
- कृषि कार्य: पशुधन और जलीय कृषि में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को सीमित करने के लिए जैविक खेती जैसी संधारणीय कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जा सकता है।
- जिम्मेदारी पूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना: स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं द्वारा एंटीबायोटिक के जिम्मेदारी पूर्ण उपयोग के लिए एंटीबायोटिक प्रबंधन कार्यक्रमों को लागू किया जाना चाहिए।
संबंधित सुर्ख़ियांनई औषधियों की परिभाषा में एंटीबायोटिक्स
|