वेतन संहिता, 2019 (The Code on Wages, 2019) | Current Affairs | Vision IAS
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वेतन संहिता, 2019 (The Code on Wages, 2019)

23 Dec 2025
1 min

इस संहिता के तहत मजदूरी और पारिश्रमिक से संबंधित 4 कानूनों को समेकित किया गया है।

  • उद्देश्य: नियोक्ताओं के लिए मजदूरी संबंधी अनुपालन में सरलता और एकरूपता को बढ़ावा देते हुए श्रमिकों के अधिकारों को सुदृढ़ करना।

प्रमुख प्रावधान:

  • सार्वभौमिक न्यूनतम मजदूरी: यह संहिता संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रकों के सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन का सांविधिक अधिकार स्थापित करती है।
    • मजदूरी निर्धारण के मानदंड: कौशल स्तर, भौगोलिक क्षेत्र और कार्य की परिस्थितियाँ जैसे कि तापमान, आर्द्रता या हानिकारक वातावरण।
  • फ्लोर वेज (निम्नतम मजदूरी) की शुरुआत: न्यूनतम जीवन स्तर के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा एक सांविधिक 'निम्नतम मजदूरी' निर्धारित की जाएगी। इसमें क्षेत्रीय आधार पर भिन्नता की गुंजाइश होगी।
    • कोई भी राज्य इस स्तर से नीचे न्यूनतम मजदूरी निर्धारित नहीं कर सकता है। इससे देश भर में एकरूपता और पर्याप्तता सुनिश्चित होगी।
  • मुआवजा: यह समय पर भुगतान अनिवार्य करता है और सामान्य दर से कम-से-कम 2 गुना (2x) ओवरटाइम मुआवजे के लिए प्रावधान करता है।
  • सरलीकरण: यह संपूर्ण विधायी ढांचे में 'मजदूरी' और 'कर्मचारी' जैसी प्रमुख परिभाषाओं को मानकीकृत करता है। इससे अनुपालन संबंधी भ्रम कम होता है।

गुण / महत्व (Merits/significance)

चिंताएं / दोष (Concerns/Demerits)

  • क्षेत्रीय असमानता में कमी: यह संहिता केंद्र सरकार को न्यूनतम जीवन स्तर के आधार पर 'राष्ट्रीय निम्नतम मजदूरी' (National Floor Wage) निर्धारित करने की अनुमति देती है।
  • लैंगिक समानता सुनिश्चित करना: यह सभी लिंगों (ट्रांसजेंडर सहित) के लिए समान मजदूरी और कार्य दशाएं सुनिश्चित करती है।
  • विश्वास आधारित परिवेश की स्थापना: यह उल्लंघनों के अपराध मुक्तिकरण के माध्यम से, अर्थात पहली बार के कुछ अपराधों के लिए कारावास के स्थान पर मौद्रिक दंड का प्रावधान करती है।
  • कार्यान्वयन: इसके प्रावधानों की सफलता प्रभावी कार्यान्वयन पर निर्भर करती है, विशेष रूप से असंगठित और ग्रामीण क्षेत्रों में।
  • संघीय अधिकार: ये प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि राष्ट्रीय निम्नतम मजदूरी के कारण राज्यों में न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने का अधिकार प्रभावित होगा।

 

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